अय्यप्पा स्वामी

विश्व के प्रसिद्ध मंदिरों में यह मन्दिर भी है ख़ास,
जहाॅं विराजे अयप्पा स्वामी यही उनका निवास।
विकास के देवता माने जाते यह कहता इतिहास,
शनिदेव के दुष्प्रभावों का पल में करते विनास।।

घने जंगल एवं ऊॅंची-पहाड़ियों बीच है यह स्थान,
राक्षसी महिषि वध पश्चात लगाया यही पे ध्यान।
राजा राजशेखर ने जिन्हें पाला अपने पुत्र समान,
वैराग्य प्राप्त हुआ इनको तब बन गए भगवान।।

मैया-मोहिनी व शिवशंकर के पुत्र आप कहलाते,
मकर माह में देव ज्योत बन गगन मार्ग से आते।
प्रभु राम ने झूठे बेर माता शबरी से यही खाएं थें,
विश्व के करोड़ों श्रद्धालु आज दर्शनों को आते।।

हरिहरपुत्र अयप्पन शास्ता मणिकान्ता कई नाम,
१८ सीढियाॅं पार-कर पहुॅंचा जा सकता है धाम‌।
करना पड़ता है त्याग इनका मछली मदिरा माॅंस,
४१ दिनों के व्रत संग ब्रह्मचर्य पालन का काम।।

परम्परागत साफ़-शुद्ध प्रसाद का लगता है भोग,
तुलसी और रुद्राक्ष की माला धारण करते लोग।
गुड़ चना चावल एवं नारियल से बनता है प्रसाद,
स्वामीये शरणम् अयप्पा बोलकर देते सहयोग।।

रचनाकार ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
[email protected]

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!