*जेल से मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी देना मामूली बात नहीं,फिर आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा*
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*■ओम माथुर ■*
*कोई अपराधी जेल से पुलिस नियंत्रण कक्ष में फोन करके ये धमकी दे कि मुख्यमंत्री को गोली मारेंगे,तो उस राज्य की पुलिस,कानून-व्यवस्था और जेलों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल अपने आप खुल जाती है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मारने के लिए दौसा जेल में नाबालिग से दुष्कर्म की सजा भुगत रहे कैदी ने जो फोन किया,वह इस बात का सबूत है कि अपराधियों में पुलिस और कानून का खौफ नाममात्र का भी नहीं है। जब जेल से पुलिस को फोन करके मुख्यमंत्री को मारने की धमकी दी जा सकती है,तो जो अपराधी खुले में घूम रहे हैं,उनसे आम लोगों की रक्षा कौन करेगा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी गई हो। 6 महीने पहले जयपुर सेंट्रल जेल में भी बंद एक कैदी ने कंट्रोल रूम पर कॉल करके शर्मा को मारने की धमकी दी थी।*
*मुख्यमंत्री भजनलाल को धमकी मिलना कानून और पुलिस के इकबाल पर गहरी चोट है। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था और अपराधों को मुख्य मुद्दा बनाया था और उसे इस पर समर्थन भी मिला था। तब भाजपा ने बहुत हुआ महिला अत्याचार ,अब नहीं रहेगा। बिगड़ गई है कानून व्यवस्था,नहीं सहेगा राजस्थान, जैसे नारे गढे थे और गहलोत राज में लगातार हुए अपराधों के कारण कांग्रेस को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा था। लेकिन लगता नहीं है कि भाजपा के करीब आठ माह के शासन के बाद भी राजस्थान में कानून व्यवस्था में कोई सुधार हुआ हो। बजरी और खान माफिया आज भी सक्रिय है और आम लोगों को तो छोडिए, पुलिस तक को कुचलने से नहीं घबराता है। महिलाओं से बलात्कार व अत्याचार के मामले भी जस के तस हो रहे हैं। पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत आए दिन सामने आ रही है। यानी जो राजस्थान की जनता ने कानून व्यवस्था की दुर्गति गहलोत राज में देखी, वही भजन लाल शर्मा के राज में कायम है। मुख्यमंत्री आए दिन यह चेतावनी देते हैं कि अपराधी राजस्थान में आएंगे,तो वापस नहीं जाएंगे। लेकिन पहले वह राजस्थान के अपराधियों पर तो कठोरता से लगाम लगाए़, ताकि पुलिस और कानून का राज नजर आए। शर्मा खुद गृहमंत्री भी है, इसलिए ये जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। जेलों में मोबाइल या अन्य वस्तुएं मिलने पर वहां के स्टाफ को निलंबित नहीं,सीधा बर्खास्त किया जाना चाहिए। साथ ही मोबाइल नेटवर्क रोकने के लिए जैमर सिस्टम का भी उपयोग शुरू किया जाना चाहिए, ताकि जेल से किए जाने वाले अपराध तो काबू में आएं।*
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