कल को निकल जाना है…..

श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’
आज आए हैं पर कल को निकल जाना है
यहां सदा किसका रहा
ठीकाना है

कहीं गुलशन तो कहीं वीराना है
जीवन तो सफर है
यहां बस आना और जाना है

कर मोहब्बत जहां से लुटा मोहब्बत जहां भर में
सबके दिलों में
यकीनन समाना है

कर भला तो होगा जरूर भला
यही जीने का सबसे खूबसूरत बहाना है

जिंदा रहने तक हंस सबको हंसाया कर ‘श्याम’
पल भर को भी बेकार नहीं गंवाना है।00

– श्याम कुमार राई
‘ सलुवावाला’

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