राजस्थान लोक सेवा आयोग सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी ने आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामू राम राइका को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।आरोप है कि राईका ने अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा को परीक्षा से पहले ही पेपर दे दिया था। जब बड़े नेता अपने बच्चों को ही टिकट देकर विधायक या सांसद बनवा देते हैं तो इन्होंने एक मामूली सब इंस्पेक्टर बनवाकर कौन सा गुनाह कर दिया?
मैं इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य राईका को तुरंत ससम्मान बहाल करने और उनके दोनों बच्चों को सब इंस्पेक्टर से डीएसपी पद पर पदोन्नत करने की मांग करता हूं। यह राईका जी की सादगी है कि उन्होंने अपने बच्चों को डीएसपी के बजाय सब इंस्पेक्टर बनवा दिया लेकिन इससे राजस्थान लोग सेवा आयोग का मान सम्मान कम हो रहा है कि मेंबर अपने लड़के को मजिस्ट्रेट या प्रशासनिक अधिकारी के बजाय सिर्फ सब इंस्पेक्टर ही बना पाया।
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एसओजी के अनुसार राईका के बच्चों शोभा राईका की पांचवी रैंक और देवेश राइका की 40वीं रैंक थी(राईका का बड़प्पन देखिए कि उन्होंने अपने बच्चों को नीचे की रैंक दिलवाई। वह चाहते तो पहली दूसरी भी दिलवा सकते थे) लेकिन जांच में पाया गया कि उन्हें राज्यपाल का नाम तक पता नहीं है तथा हिंदी में शानदार परफॉर्मेंस दिखाने वाले बच्चों को संज्ञा सर्वनाम की भी जानकारी नहीं थी।यहां मेरे कुछ सवाल हैं :
-यदि किसी व्यक्ति को राज्यपाल का नाम पता नहीं तो क्या वह है सब इंस्पेक्टर बनने के काबिल नहीं है? उल्टे ज्यादातर राज्यपाल खुद ऐसे हैं जो राजस्थान लोक सेवा आयोग की सब इंस्पेक्टर की परीक्षा पास नहीं कर सकते। (पेपर लीक करके वह परीक्षा पास कर लें तो अलग बात है।)
-संज्ञा सर्वनाम की जानकारी हमारे गिने चुने विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को होगी फिर भी वह शानदार तरीके से राज का चला रहे हैं। राईका जी के “होनहार” बच्चों को तो सिर्फ थाना चलाना है।
– राईका के दोनों बच्चे सब इंस्पेक्टर बने हैं। इन्हें अपराधी पकड़ने हैं ना कि इन्हें अपराधियों को संज्ञा और सर्वनाम का फर्क बताना है !
-जब नेता का बेटा नेता,वकील का बेटा वकील, डॉक्टर का बेटा डाक्टर हो सकता है तो लोक सेवा आयोग के सदस्य का बच्चा मामूली सब इंस्पेक्टर भी नहीं बन सकता क्या?
-राईका जी ने पब्लिकली कहा है (जिसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं) कि मैंने इंटरव्यू में अपनी जाति के लोगों को बढ़ावा देकर परीक्षा में पास करवाया है।
मैंने लोक सेवा आयोग के कई सदस्य और अध्यक्ष ऐसे देखे हैं जिन्होंने सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया जाति या अपने धर्म के लोगों का ध्यान नहीं रखा।ऐसे में राईका जी के आचरण की सराहना की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने न केवल अपने बच्चों को वरन अपनी जाति के अन्य लोगों को भी “आगे बढ़ाया।” (जे एम खान इसका अपवाद थे, उन्होंने अपने पूरे समुदाय को “आगे बढ़ाया”।) मैं राईका जी के जाति की सेवा करने के इस निस्वार्थ भाव पर उनके चरणों में अपनी विनम्र श्रद्धांजलि रखता हूं।
-राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे में सिर्फ राईका को गिरफ्तार करना पक्षपात पूर्ण है।
-किसी व्यक्ति की पुत्री घर से भाग जाती है तो लोक लाज से परिवारजन दो-चार दिन पुलिस में रिपोर्ट नहीं लिखवाते। ऐसे में राजस्थान सरकार अपने ही राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों को गिरफ्तार करके पहले से सबके सामने आ गए नंगे सच को प्रमाणिक सिद्ध करने में लगी हुई है। इससे पिछले 10 सालों में जो भी लोग राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित हुए हैं,उन सबके ईमानदारी से चयन होने पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है। पहले राज्य सरकार के अफसर को लोग इज्जत की निगाह से देखते थे। अब उन्हें देखते ही लोग मुस्कुराते हैं और आपस में तेज आवाज में कानाफूसी करते हुए कहते हैंग – ये गधा पेपर लीक से अफसर बन गया।”
ऐसे में सरकार को राईका के खिलाफ कार्रवाई तुरंत रोक देनी चाहिए और उन्हें UPSC का अध्यक्ष बनाकर नई दिल्ली भेज देना चाहिए ताकि वह अपनी जाति के लोगों को “आगे बढ़ा सकें!”
चलते चलते :
तुम्हारा हुस्न आराइश तुम्हारी सादगी ज़ेवर
तुम्हें कोई ज़रूरत ही नहीं बनने सँवरने की !
वेद माथुर
8800445333