हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

हमारी मातृभाषा हिन्दी है, यह तो मात्र कहने और सुनने के लिए ही रह गए है। आजतक हिन्दी भाषा को जिस ऊंचाइयों पर रहना चाहिए था, वह कहां मिल पाया है। ज़रा आप ही बताइए क्या हिन्दी दिवस के मौके पर पूरे तामझाम के साथ हिन्दी दिवस माना लेने से ही हिन्दी भाषा को सम्पूर्ण सम्मान मिल गया । जिस दिन अंतरराष्ट्रीय तौर पर हिन्दी भाषा को मान्यता दिया जाएगा तब ही गर्व के साथ हम कह सकेंगे कि हिन्दी भाषा को सम्मान मिल गया है।
कभी-कभी तो सोचकर भी आश्चर्य लगता है कि, हिन्दुस्तान के हिन्दुस्तानी हिन्दी बोलने में भी खुद को लज्जित महसूस करते है। यदि ऐसे ख्यालातों के लोग जब तक इस धरती पर रहेंगे तो शायद भविष्य में हिन्दी भाषा को सम्मान मिल पाना असम्भव ही होगी।
मेरा ख्याल है कि हिन्दी भाषा को जो सम्मान मिलना चाहिए वह आजतक नही मिल पा रहा है इसके जिम्मेदार हम और आप स्वयं ही है। जिस दिन हम सारे हिन्दुस्तानी हिन्दी बोलने, पढ़ने, लिखने में खुद को तुक्ष्य समझना छोड़ देंगे तो उसी दिन से हमारी हिन्दी भाषा समृद्ध बन जाएगी।

डंका बज जाए विश्व में हिन्दी भाषा की
प्रण करते हुए सर्वदा आगे बढ़ते रहना तुम,
हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की अभिमान है
इसकी हरगिज़ अवहेलना ना करना तुम।

गोपाल नेवार,’गणेश’सलुवा , खड़गपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल । 9832170390.

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