अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आलेख
देलखंड की इकलौती एक महिला जिसने सौतेली मां के कलंक को मिटा दिया । भारत की सनातन संस्कृति और महिलाओं का गौरव स्थापित किया
छतरपुर मध्य प्रदेश ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की क्यों आवश्यकता हुई । इस संबंध में विश्व के विभिन्न देशों ने 1911 में एक बैठक करके विश्व की महिलाओं को आगे ले आने और उनको उनके अधिकारों के साथ सम्मान देने के लिए

हम यहां पर बुंदेलखंड की एक ऐसी महिला के बारे में आपके बीच आलेख लिखकर और समाचार के माध्यम से जनमानस को संदेश देना चाहते हैं कि जब कोई धर्मपत्नी या महिला अपने बच्चों को छोड़ कर मृत्यु लोक से विदा लेकर स्वर्गवासी होती है और उसका पति अपने जीवन संचालित करने के लिए बच्चों की परवाह किए बगैर अपने जीवन पर ध्यान देता है और बच्चों का भविष्य नरक हो जाता है और दूसरी धर्मपत्नी जो बच्चों के लिए सौतेली मां का नाम दिया गया है ।
सौतेली मां हजारों में एक ऐसी होती है जो पहली पत्नी के बच्चों को अपनी संतान के रूप में स्वीकार करती है और उनका पालन पोषण संरक्षण शिक्षा संस्कृति संस्कार प्रदान करती है ऐसे भी अनेक उदाहरण बुंदेलखंड में देखने सुनने और समझने के मिलते हैं बहुत सी महिलाएं ऐसी भी होती हैं अपने पति के साथ रहकर पूर्व पत्नी के बच्चों के कारण अपना ऑपरेशन कर लेती हैं बच्चा पैदा नहीं करती है उनका पालन पोषण करती हैं बहुत सी महिलाएं आए दिन समाज में ऐसी दिखाई देती हैं कि जो पहली पत्नी के बच्चों को अन्याय अत्याचार प्रताड़ित, यातनाएं देकर उन्हें भीख मांगने को मजबूर कर देती हैं ।अपनी कोख से पैदा की गई संतान के लिए पति को गुलाम बना कर रखती हैं ऐसी महिलाएं ही कुमाता,कुलटा, सूर्पनखा, डायन, भूतनी , नागिन, मंत्थरा पूतना राक्षसी के रूप में गिरी जाती है । समाज में जिनका कोई स्थान नहीं होता है समाज उनके नाम से ही घृणा करता है ।
लेकिन वही जो महिलाएं भारत की संस्कृति संस्कार और शक्ति स्वरूपा देवी स्वरूप होती हैं वह बच्चों के पालन पोषण में पूरा जीवन त्याग देती है पति सेवा करते हुए पतिव्रता का रूप भी धारण करती हैं ।भले ही उन्हें अपने अंतिम समय में बहुत अधिक कष्ट उठाना पड़ता हूं ऐसी यह घटना नौगांव जिला छतरपुर कस्बा के वार्ड नंबर 10 की रहने वाली श्रीमती प्रभा देवी का निधन 20 अक्टूबर 1993 को डॉक्टर के एल राजोरिया के द्वारा बुखार के समय ग्लूकोस बॉटल चढ़कर उपचार की लापरवाही से अकाल मृत्यु के शिकार होना पड़ा ।उनके कोख से जन्मी कर संतान कुमारी मंदाकिनी कुलदीप अभिलाषा राजदीप चारों संतान जिनके पालन पोषण और संरक्षण के लिए घर परिवार सामान्य किसी तरह की मदद नहीं की । संकट में किसी ने भी बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी नहीं ली ना ही सहयोग किया ।
इसलिए बच्चों के पालन पोषण के लिए पिता संतोष कुमार की मजबूरी हुई और उन्होंने मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों के पालन पोषण के लिए मां की तलाश की और यह खबर नौगांव से 15 किलोमीटर दूर ग्राम झीझन लुगासी जिला छतरपुर मध्य प्रदेश के रहने वाले पंडित श्री धर्मदास चौबे एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मीबाई को पता चलने पर उन्होंने अपनी बेटी कुमारी रंजना देवी गुड्डी के विवाह की बात बच्चों के पालन पोषण और संरक्षण के लिए ग्राम के किसान समाजसेवी श्री डालचंद उर्फ नाथूराम यादव से की इस बात की खबर ग्राम के सरपंच श्री राज बहादुर चौबे को जैसे ही लगी उन्होंने अपनी भतीजी बेटी का कन्यादान बेटी विवाह की जिम्मेदारी से समर्पित हुआ करने का संकल्प लिया और चार बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी का दायित्व निभाने का वचन दिया ।
14 दिसंबर 1993 को कुमारी रंजना देवी गुड्डी का हिंदू रीति रिवाज संस्कृति से वैवाहिक कार्यक्रम पंडित श्री अनिल कुमार ने वैधानिक रीति रिवाज से संपन्न कराया और ससुराल पहुंचते ही , अपने पति के घर पहुंचने पर उन्होंने माता से बिछड़े चार बच्चों को गले लगाया और आंसुओं की बौछार से उनको साहस दिया । चारों बच्चों का पालन पोषण पहले दिन से ही शुरू किया ईश्वर की कृपा से 6 वर्ष तक सभी बच्चों का पालन पोषण शिक्षा संस्कृति देने के बाद ईश्वर की कृपा से श्रीमती रंजना देवी को एक संतान पुत्र के रूप में प्राप्त हुई जिसका नाम रत्नदीप रखा गया क्योंकि वह मां की त्याग तपस्या और ईश्वर के आशीर्वाद से रन की तरह पैदा हुआ और उसका पालन पोषण भी किया गया ।
श्रीमती रंजना देवी के द्वारा सौतेली मां को कलंक मिटाने की चर्चा गली-गली हर क्षेत्र में होने लगी और इस बात की भनक भारतीय जनता पार्टी छतरपुर जिले की वरिष्ठ नेता श्रीमती गीता पटेरिया को पता चलने पर उन्होंने इस महिला का हौसला बढ़ाते हुए घर जाकर पुष्पमाला सेवल श्रीफल और मिष्ठान खिलाकर सम्मान किया जिसकी खबरें समाचार पत्रों में जाने के बाद महिला मोर्चा और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की जिला अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका गौतम खजुराहो राजनगर को लगी उन्होंने घर पहुंचकर उनका सम्मान किया ।
नौगांव नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अभिलाषा धीरेंद्र शिवहरे ने अपनी पूरी टीम के साथ उनकी जानकारी लेकर श्रीमती रंजना देवी के घर पहुंच कर अद्भुत और समाज में स्वागत अभिनंदन सम्मान किया जिससे उनके हौसले और कार्य करने की क्षमता बड़ी । छतरपुर जिला कलेक्टर श्री रमेश भंडारी को जानकारी मिलने पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर छतरपुर ला कैपिटल होटल में हजारों महिलाओं के समक्ष महिला बाल विकास विभाग द्वारा सम्मान किया गया । सामाजिक संगठन की संचालिका श्रीमती प्रभा देवी वैद्य एवं स्वाधीनता संग्राम सेनानी श्रीमती गायत्री देवी परमार छतरपुर जिला कलेक्टर श्री रमेश भंडारी जी के कार्यक्रमों से नौगांव के सामाजिक संगठन महिला मोर्चा , लाइंस क्लब द्वारा उनका लगातार सम्मान किया गया इस बात की जानकारी जैसे ही राजधानी दिल्ली पहुंची डॉक्टर अरविंद त्यागी दिल्ली राष्ट्रीय स्तर पर काम करते हैं उन्होंने गंतव्य संस्थान के माध्यम से हिंदी भवन दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान देकर भारत की महिलाओं को यह संदेश दिया है कि हजारों महिलाओं में कोई महिला ऐसी होती है जो सौतेली मां के कलंक को मिटाकर अपना जीवन समाज उद्देश्य के लिए उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करती है यह सब ईश्वर की कृपा होती है। राष्ट्रीय सामाजिक संगठन सुमित्रा देवी सामाजिक संस्था बुंदेली रेडियो संचालक श्री के के चतुर्वेदी द्वारा अपने संगठन की ओर से श्रीमती रंजना देवी गुड्डी गंगेले का सैकड़ो महिलाओं के समक्ष राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया ।
श्रीमती रंजना देवी गंगेले के द्वारा सौतेली मां के कलंक को मिटाते हुए पहली पत्नी के चारों बच्चों को शिक्षित संस्कार एवं वैवाहिक जीवन में प्रवेश कराया और समाज में उच्च स्थान प्राप्त किया है ऐसी अद्भुत और शक्ति स्वरूपा मातृशक्ति को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत सरकार और प्रदेश सरकारों को उदाहरण के रूप में समझ में उनकी फोटो तस्वीर और उनकी जीवनी को जन-जन तक पहुंचाने का काम करना चाहिए
8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर
मध्य प्रदेश शासन एवं भारत सरकार तथा सामाजिक संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने-अपने क्षेत्र की समझ में प्रतिष्ठा और सामाजिक समरसता के साथ सनातन संस्कृति महिला सशक्तिकरण तथा अनेक विधाओं में पारंगत महिलाओं को आने वाले 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मान समारोह आयोजित किए जाना चाहिए और अंधेरे में समाज में विलुप्त हो रही महिला सम्मान को जागृत करने का काम करना चाहिए ।
आने वाला 8 मार्च पूरे भारत सहित विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने जा रहा है भारत की सामाजिक संस्थाओं समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाली संगठन और प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की संरक्षण और संवर्धन के काम करने वाली महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने-अपने क्षेत्र में समाज राष्ट्र और देश के लिए काम करने वाली निस्वार्थ परोपकार जीवन सामाजिक समरसता के रूप में काम करने वाली महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और भारत सरकार और प्रदेश सरकारों को भी समूचे अपने-अपने क्षेत्र में शासन प्रशासन और एजेंसियों के माध्यम से सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को सामाजिक समरसता के साथ मंचों पर सम्मान करके महिलाओं का सम्मान बढ़ाना चाहिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भारत की प्रत्येक महिलाओं को एक अच्छा संदेश लेकर आए इसके लिए बुंदेलखंड के समाजसेवी सेवा करने वाले श्री संतोष गंगेले कर्मयोगी नौगांव बुंदेलखंड जिला छतरपुर ने अपने जीवन में बुंदेलखंड क्षेत्र के हजारों हजारों शिक्षण संस्थानों में पहुंचकर लाखों बेटियों कन्याओं का पाठ पूजन और प्रतिभाओं को लिखने का काम किया है और वह लगातार भारत की संस्कृति संस्कार बचाने के लिए काम करने में लगे हुए हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्होंने अपनी ओर से सभी भारतवासियों बुंदेलखंड क्षेत्र की महिला बेटियों को अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रेषित की हैं और उन्होंने पुरुष वर्ग से और युवाओं से अनुरोध किया है कि वह अपने-अपने घर से माता बहनों बुजुर्गों का सम्मान करना शुरू करें और महिलाओं के सम्मान में हमेशा जीवन समर्पित करके कार्य करते रहे
भारत विश्व गुरु रहा है और भारत में सनातन धर्म संस्कृति और संस्कारों में महिलाओं का सम्मान शक्ति स्वरूपा देवी स्वरूप और मातृ शक्ति के रूप में पूजनीय बंदिनी माना जाता है सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग चार युगों में भी महिला सशक्तिकरण की झलक देखने को मिलती है सतयुग में माता लक्ष्मी जी त्रेता युग में माता सीता जी द्वापर में माता राधा रानी और कलयुग में हर घर में श्रीमती की और बेटियों की पूजा वंदना हो रही है और होती आ रही है आखिर महिलाओं में ऐसा क्या प्रकृति ने संदेश दिया है जिससे कि वह बंदिनी पूजनीय और देवी स्वरूप होती हैं यह हम सब किसी से छुपा नहीं हैं सृष्टि की संरचना उत्तम कृति बेटी कन्या और आगे चलकर वह गृह लक्ष्मी और माता का रूप धारण करती है साहस शक्ति सहनशीलता संयम त्याग परिश्रम भक्ति और शक्ति के रूप में महिलाओं को प्रमुख स्थान मिला है हम अपनी दिनचर्या में और मातृभाषा में जब भी अभिवादन करते हैं भोजन शुरू करने के लिए लक्ष्मी नारायण बोलकर भोग प्रसाद लगते हैं सुबह जब उठते हैं तो सीताराम अभिवादन करते हैं और राधेश्याम का अभिवादन करते हैं वर्तमान में हम और हमारी सरकार है महिला सशक्तिकरण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ शक्ति मिशन तथा महिलाओं के सम्मान के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं योजनाएं क्रियान्वयन करती हैं ।
भारत के इतिहास में आजादी में भाग लेने वाली महिलाओं का प्रत्यक्ष और प्रारूप शुरू से पूर्ण सहयोग रहा है इसीलिए भारत विश्व गुरु के रूप में जाना जाता है और हमारे भारत की सनातन संस्कृति में चैत्र मास की नवदुर्गा और क्वार मास की नवदुर्गा नौ दिवस कल 18 दिन की पूजनीय बंदिनी होती हैं और गुप्त नवदुर्गा दो बार आती जाती हैं। इसलिए भारत विश्व गुरु माना जाता है और महिलाओं के सम्मान में हम सबको अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर महिलाओं के सम्मान के लिए संकल्प लेना होगा ।
इस संबंध में आप समाचार प्रकाशन के पहले संपूर्ण जानकारी किसी भी तरह के करना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9893 1968 74 पर सीधे तौर पर संपर्क कर सकते हैं
इनके बारे में गूगल पर भी आर्टिकल वीडियो डाले हैं
लेखक वरिष्ठ पत्रकार संतोष गंगेले कर्मयोगी