अपनी भाषा को प्रोत्साहित कीजिए

नटवर विद्यार्थी

हम प्रतिदिन लगभग सात-आठ घंटे शयन में व्यतीत करते हैं । नियमित दैनिक क्रियाएँ, स्वाध्याय-पूजा पाठ, जलपान-भोजन, घरेलू-कार्यालय संबंधी कार्य, व्यायाम-टहलना, आत्मीय जनों से भेंट-वार्तालाप इत्यादि के बाद फिर शयन की तैयारी में जुट जाते हैं । दिनभर की इस व्यस्तता में यदि सिर्फ़ दो घंटे का समय और वह भी प्राथमिक स्तर तक अध्ययनरत अपने बच्चों के लिए हम उनकी पढ़ाई पर ध्यान देने के नाम से निकाल लें तो उस बच्चे को आगे हर क्षेत्र में अग्रणी रहने से कोई रोक नहीं सकता, ऐसा मेरा मानना है । बालक के आगे बढ़ने में भाषा या माध्यम कभी बाधक नहीं बनता । जीवन में ऊँचाइयाँ छूने वाले बच्चों का इतिहास उठाकर देखो शिक्षण का माध्यम उनके विकास में कभी रुकावट नहीं बना । महत्व इस बात का है कि बच्चों को घर- विद्यालय में कैसा माहौल मिल रहा है । संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं वाले प्रदेशों में शिक्षा का माध्यम उनकी मातृभाषा है । दुर्भाग्य से हमारी मायड़ भाषा को अभी यह गौरव नहीं मिला है । संघर्ष चल रहा है, आवाज़ उठाई जा रही है निश्चित रूप से हमारी मायड़ भाषा को एक दिन मान्यता अवश्य मिलेगी और हमारे विद्यालयों में भी शिक्षण का माध्यम हमारी मायड़ भाषा होगी अतः यदि आपका बच्चा बोलचाल में मायड़ भाषा का उपयोग करता है तो कभी हीनता महसूस मत कीजिए । हमारी मायड़ भाषा हमारा गौरव है ।

सार की बात यही है कि अपने अनमोल बच्चों के लिए थोड़ा समय निकालिए । उन्हें प्रतिदिन पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कीजिए । यदि पाँचवीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक आपने ध्यान रख लिया तो फिर आगे के अध्ययन के लिए मोटी-मोटी फ़ीस लेकर नामचीन कहलाने वाले विद्यालयों की तरफ़ क़दम बढ़ाने की आपको ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी । आज भी हमारे देश में हर गाँव-शहर में ऐसे विद्यालय चल रहे हैं जिनका माध्यम हिंदी है तथा न्यूनतम फ़ीस में उनसे पढ़कर निकले बच्चों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है और घर-समाज एवं नगर का मान बढ़ाया है । बच्चे हमारी अमूल्य धरोहर है । हमारी संस्कृति एवं संस्कारों से उन्हें जुड़े रखने का प्रयास कीजिए । पाश्चात्य संस्कृति के अँधे कूप में उन्हें मत धकेलिए । अपनी भाषा को प्रोत्साहित कीजिए । अपनी भाषा ही आपके बच्चों को आपके, आपके घर-परिवार, समाज एवं देश के निकट रख सकती है ।
जय भारत ।
  – *नटवर पारीक*
श्री शारदा ज्ञानपीठ संस्थान, डीडवाना
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