पुस्तक समीक्षा

पुस्तक का नाम —  *उत्सव जीवनियां* 
लेखक  – डॉक्टर जे. के. गर्ग  
समीक्षक —  भवानी शंकर तोसिक   
 प्रेरणादायक ऊर्जा संपन्न रचनाओं का संसार — 
अध्ययन – अध्यापन से ज्ञान अर्जित होता है।  मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है इसलिए पढ़ना जरूरी है। पढ़ने से वैचारिक समृद्धि आती है ।  जैसे विचारों का हम अनुसरण – अनुकरण करते हैं हम वैसे ही निर्मित हो जाते हैं क्योंकि विचारों में जीवन को बनाने की महान शक्ति निहित होती है । ऐसी ही एक प्रेरणादायक पुस्तक है  – *उत्सव- जीवनियां* जो वैशाली नगर जयपुर के डॉक्टर जे. के. गर्ग द्वारा लिखी गई है जिसका संपादन वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर गर्ग ने किया है। पुस्तक का आवरण पृष्ठ बहुत ही सुंदर एवं मनमोहक है । पुस्तक के नामकरण को जीवंत करता पूजा सामग्री से सजा हुआ थाल  आध्यात्मिक दृष्टिकोण एवं पुस्तक में वर्णित विषयवस्तु से सामंजस्य स्थापित करता है , जो आवरण सृजनकर्ता के रचनात्मक सोच का द्योतक है।
                   विभिन्न पंथ , संप्रदाय , धर्म के प्रचारकों एवं अनुयायियों के उपदेशों , शिक्षाओं और उनके जीवन में घटित घटनाओं को उत्सव एवं जीवनियों के माध्यम से सुधी पाठकों तक पहुंचाने का लेखक द्वारा किया गया उपक्रम प्रशंसनीय है।
  राम कृष्ण परमहंस , गुरु नानक देव , रामदेव , संत कबीर , रविदास , लोकदेवता तेजाजी , गोगा जी , भगवान परशुराम,  महाराणा प्रताप , एवं मकर संक्रांति , बसंत पंचमी , राम नवमी , रक्षाबंधन , गुड फ्राइडे ,ईद उल फितर आदि 28 उत्सव एवं जीवनियों से वर्णित यह पुस्तक पठनीय है। पुस्तक के संपादक कमल किशोर गर्ग जो एक वरिष्ठ पत्रकार एवं पाक्षिक समाचार पत्र केसरपुरा टाइम्स के भी संपादक हैं तथा अनेक समाचार पत्रों के संपादन का दीर्घ कालिक अनुभव प्राप्त हैं जिसका इन्होंने इस पुस्तक के संपादन में भरपूर उपयोग किया है ।                          अध्याय की समाप्ति पर नैतिक एवं आदर्श वाक्य तथा सूक्तियां लिखी गई है जो विषय वस्तु को और भी अधिक प्रभावी बना देती है। महापुरुषों से संबंधित उत्सव एवं उनकी जीवनियां पाठकों  एवं विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक है । पुस्तकालय एवं वाचनालय के लिए यह पुस्तक संग्रहणीय है।
जीवन संगिनी डॉक्टर विनोद गर्ग (स्वर्गीय) को समर्पित इस पुस्तक का मुद्रण बहुत ही सुंदर है। मंहगाई को देखते हुए एक सौ चौबीस पृष्ठीय पुस्तक का मूल्य दो सौ रुपए उचित है ।
    परहित चिंतक , बौद्धिक संपदा से समृद्ध , उदात्त  विचारक , समाजसेवी एवं पुष्कर क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. श्री गोपाल बाहेती के कर कमलों द्वारा दिनांक 20 मई 2025 को  इस पुस्तक का विमोचन किया गया। आशा है सुधी पाठकों को यह पुस्तक पसंद आएगी।
समीक्षक — भवानी शंकर तोसिक , पीसांगन
प्रधान संपादक
आईना

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