आदिकाल से यह रीत चली आई है। अच्छाई और बुराई साथ साथ ही चलती रही है। जहां अच्छाई है वहां बुराई भी है। सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों साथ हैं एक पहलू को अलग नहीं किया जा सकता।
समाज में बुरे लोग हैं तो अच्छे लोगो की भी कमी नहीं हैं।
मनुष्य का स्वभाव भावुक होता है उसके आस-पास का जैसा वायुमंडल होता है उसका स्वभाव, आदतें वैसी ही बन जाती है।
वर्तमान समय में पत्रकारिता की दशा और दिशा दोनों को ही चिंतन की आवश्यकता है। आज़ 75 वर्ष पहले यानी देश की आजादी से पहले पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य लोगों में स्वाधीनता की भावना जागृत करना, तथा देश को गुलामी से मुक्त करवाकर आजाद करवाना था।
वर्तमान में पत्रकारिता एक *ग्लेमर तथा व्यवसाय* बन गया है। पत्रकारिता ने चटपटी खबरों की होड़ में समाज के प्रति अपने कर्तव्य को किनारे कर दिया है ।
मीडिया में हत्या , आत्महत्या,बलात्कार, लूटमार , घोटाले जैसी नेगेटिव खबरों को प्रमुखता दी जाती है। जबकि सकारात्मक संदेश वाली खबरों को नगण्य स्थान मिलता है। जिसके चलते लोगों का मीडिया, समाचारों से मोह कम होने लगा है। सुबह सुबह ही समाचार पढ़ते या देखते ही लोगों के मन में वैसे ही विचार भर जाते हैं। जो उनके कर्मों को प्रभावित करते हैं।
मेरा अनुभव रहा है सुसाइड की खबरों का जोर शोर से प्रचार किया जाता है। तो उन दिनों में सुसाइड की घटनाएं बढ़ जाती है। देश भक्ति फिल्म या भारत पाक तनाव के दिनों में लोगों में देश भक्ति की भावनाऐ बढ़ जाती है।इसी तरह रेप, हत्याओं की खबरों को जब ज्यादा महत्व दिया जाता है तो ऐसी घटनाएं बढ़ जाती है। निर्भया कांड की खबरें साल भर तक चली आंकड़े बताते हैं इसके बाद पूरे देश में रेप की घटनाओं में वृद्धि हुई।
कुल मिलाकर मुद्दा यह है कि मीडिया को पत्रकारिता की दिशा पर चिंतन करना चाहिए। अपराध और नेगेटिव खबरें प्रशासन तक पहुंचाने तथा उस पर कार्रवाई हो। मीडिया की यह भूमिका निभानी चाहिए तथा अपराधियों को कड़ी सजा की खबरों को प्रमुखता देनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई दूसरा अपराध करने से घबराए।
जब कि होता है कि गंभीर अपराध करने वाला निर्दोष बरी होने या जमानत पर छूटने की खबरों को महत्व दिया जाता है। जिससे लोगों में अपराध की सजा के प्रति भय दूर हो जाता है। और समाज में अपराध बढते हैं।अप्रत्यक्ष रूप से वकील का प्रचार कर ओब्लाइज करना भी होता है।
पत्रकार यदि चाहें तो सकारात्मक सोच और संदेश वाली खबरों के माध्यम से समाज की दिशा बदल कर पुण्य लाभ का काम कर सकते हैं। इस पर चिंतन किया जाना चाहिए।
*हीरालाल नाहर पत्रकार*
*9929686902*