
देश- प्रदेश में गहरी होती भ्रष्टाचार की जड़ें, *”भ्रष्टाचार पुराणों के उस रक्तबीज रूपी राक्षस की तरह बढ़ता ही जा रहा है जिसके रक्त से अनेक रक्तबीज उत्पन्न हो जाते थे।”* आज भ्रष्टाचार के अनगिनत मामले तीव्र गति से बढ़ रहे हैं, अनैतिक और अनुचित आचरण अपना कर न्याय व्यवस्था के मानवीय नियमों के विधि विरुद्ध जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए कहीं ना कहीं कोई ना कोई व्यक्ति/विभाग भ्रष्टाचार के अचार का सेवन कर ही रहा है। और दूसरों को भी किसी ना किसी रूप में भ्रष्टाचार रूपी अचार का स्वाद चखा रहा है। आज वर्तमान युग में शायद ही कोई विभाग इस भ्रष्टाचार रूपी बीमारी से बचा हो, नियमविरुद्ध अनुचित लाभ से अपनी या अपने साथी की या किसी अन्य की पूर्ति करना या करवाना आम बात हो गई है। लोक सेवक के पद की गरिमा को ही ना जाने क्यों अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए भ्रष्ट कर दिया जाता है। छोटी से छोटी फाइल भ्रष्टाचार के अचार के बिना मिलती या आगे निकलती ही नहीं, बल्कि दिन-दूनी रात-चौगुनी भ्रष्टाचार के अचार की डिमांड बढ़ती जा रही है । सरकारी हो या गैर सरकारी संस्थान भ्रष्टाचार हर जगह है, सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार इतना स्पष्ट है, या तो हम अपनी आंखें मूंद लेते हैं या हम खुद उसका हिस्सा बन जाते हैं। स्वार्थपरक्ता ही भ्रष्टाचार का मूल कारण है, हमारे सामाजिक, राजनीतिक आर्थिकी के संचालन में पारदर्शिता की सुनिश्चितता हो जिससे भ्रष्टाचार का स्तर घटे और वैसे भी समस्या हम में है। संस्थान में नहीं जो हम उसका हिस्सा बन किसी ना किसी रूप में सहयोग करते हैं। *आज सरकार द्वारा कानून द्वारा भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध उत्कृष्ट कानूनी कार्यवाही भी की जा रही है।* लेकिन कहीं ना कहीं हमारे असहयोग से यह समस्या तीव्र गति से बढ़ रही है, *भ्रष्टाचार रूपी अंधेरा है तो उसे दूर करने के लिये हमें ही प्रकाश बनना पड़ेगा क्योंकि वह भी हमारी वजह से ही है,* भ्रष्टाचार से निवारण व्यक्ति स्तर पर नैतिकता सेवा और इमानदारी के पुराने आदर्शो को पुनर्जीवित करने में है। और संस्थानों में वह प्रणाली अपनाने में जो पारदर्शिता रखती है। *”लेखक कलाम ने कहा है- भ्रष्टाचार एक एकल नेता एक राजनीतिक दल या मीडिया द्वारा समाप्त नहीं किया जा सकता है केवल हम सभी के सहयोग से वर्तमान युवा पीढ़ी के आंदोलन जो अपने घर से शुरू होता है, से भ्रष्टाचार समाप्त किया जा सकता है।* बस ऐसे प्रयास हम सभी को करने हैं क्योंकि आज भ्रष्टाचार हमारे देश की एक गंभीर समस्या बन गया है, जो कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में देश की उन्नति में बाधक है। हम सभी मिलकर इस भ्रष्टाचार रूपी अचार से देश को बचाये।
