गृहिणी भी चाहे नोबेल पुरस्कार

मम्मी यह नोबेल पुरस्कार तीन-तीन लोगों को क्यों देते हैं?
नाम याद करने में भी बहुत परेशानी होती है। कोई बात नहीं बेटा।तेरी मम्मी ही सबसे बड़ी भूखी(हंगरी) है।मैं सरगी साहित्य का नोबेल तीन लुगाइयों में नहीं बाटूंगी।
तूने मेरे लिए करवा चौथ का व्रत किया,
बोल प्रिये क्या उपहार चाहिए? एजी मुझे भी IG नोबेल पुरस्कार चाहिए। यह क्या बला होती है? कभी तो सामान्य बात कर लिया कर भाग्यवान। देखो जी, मैं अपना GI टैग छोड़कर आई हूं।
यह क्या बला है.?
वो Google से समझ लेना।G में GST गंतव्य आधारित टैक्स भी बनी हूं।पैदा पीहर में हुई और उपभोग ससुराल में।यह तो सामान्य बात है इसमें विशेष क्या है?
देखो जी, इससे घर का GDP बढा है, तो ?
देखो जी, मैंने गृह को ग्रहण से बचाया है और G गृहिणी बनकर मैंने Global warming से घर पर आने वाली पराबैंगनी (परस्त्री)ऊर्जा को दूर किया है। अक्सर आपके gaslighter व्यवहार को झेला है।
Globalisation की बजाय जीवन में प्राइवेटाइजेशन को प्राथमिकता दी है।
पति गुस्से में, मुझे तेरी बकवास समझ नहीं आती।
देखो जी, आपको Green Green करते-करते मैं पीली Gold संदूक में बंद हुई हूं । तो इसमें असामान्य क्या है देवी? देखो जी, मैंने आपका घर, गेस्ट रूम सजाया ग्राउंड में गुलाब गुलदाउदी लगाया, होली पर गुजियां तो दीपावली पर गुलाब जामुन बनाया। गर्भ से गोदी में आपके गोलू को खिलाया। गरम-गरम भोजन बनाकर खिलाया।यह तो हर गृहिणी का दायित्व है। अब बस कर भाग्यवान थोड़ी सामान्य बात भी कर ले। काश मैं किसी Good गंवार गर्ल से शादी कर लेता। देखो जी मुझे ट्रंप मत समझो मैं फालतू का ड्रम नहीं बजा रही हूं। आप पर कोई टैरिफ नहीं लगा रही।ना ही साहित्य का नोबेल पुरस्कार मांग रही हूं।  गुड्डा गुड्डी खेलने की उम्र में गोना करवाया, गोरी-गोरी कलाईयां से गुड़ का भजिया हो या गोबर का उपला झट झट बनवाया। यह सब सामान्य है तभी तो असामान्य करने का IG नोबेल पुरस्कार मांग रही हूं और हां, मैं तीन- तीन लुगाइयों के साथ इसे नहीं बाटूंगी।
– एकता शर्मा
error: Content is protected !!