
21 नवम्बर 2025 को भारत के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी ,कवि ,ठाकुर केसरी सिंह बारहट जी का 154 वी जयंती है।
ठाकुर साहब के साथ में उनके भाई जोरावर सिंह और उनके पुत्र प्रताप सिंह बारहट द्वारा क्रांति कारी थे।
1903 में मेवाड़ के राजा फतेह सिंह को लॉर्ड कर्जन द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लोग लेने से रोकने के उद्देश्य से उन्होंने चेतावनी रा चुंग तया नामक कविता लिखकर के राजा फतेहसिंह जी को पाथेय प्रदान किया। हजारीबाग जेल में असंख्य यातनाएं के उपरांत भी उन्होंने अपने पुत्र प्रताप सिंह को समझाया की, प्रताप हो ,प्रताप ही बने रहना ,स्वतंत्रता संग्राम में अनेक कुर्बानियां देनी ही पड़ेगी। पिता पुत्र का यह संवाद सदैव प्रेरक है। उनको महन्त प्यारे लाल की ह्त्या के लिए दोषी मान
कर आजीवन की सजा देकर जेल भेज
दिया किंतु कुछ समय के बाद रिहा कर दिया।
भारत के प्रमुख क्रांतिकारी गुरुजी श्याम जी कृष्ण वर्मा ,अर्जुन लाल सेठी ,ठाकुर गोपाल सिंह, रासबिहारी बोस , विजय सिंह पथिक, मास्टर अमीर चंद के साथ उनके विशेष घनिष्ठ संबंध रहे ।ठाकुर केसरी सिंह ने अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध सभी को एकजुट करने शिक्षित करने और उनमें आत्म स्वाभिमान की देश प्रेम ज्योति जागृत करने का काम किया।
उनका 69 वर्ष की अवस्था में 1941 मे निधन हो गया।
उनकी जयंती दिवस पर उनको श्रद्धापूर्वक नमन