सायल और डॉ जेठो को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
भारत सरकार ने ऐसी तीन भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिए राष्ट्रीय परिषदे गठित की थीं जिनके अलग प्रान्त नहीं पर उन भाषा-भाषियों का अपना साहित्य है और एक संस्कृति भी . ये भाषाएँ हैं-सिन्धी ,संस्कृत और उर्दू .हाल ही में( 1 0 मार्च ) मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अहमदाबाद में राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् की और से सिन्धी विद्वानों और साहित्यकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये .यह आयोजन साहित्य ,संस्कृति और आध्यात्म की त्रिवेणी के रूप में सामने आया जब प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता और संत दादा जे पी वासवानी ने समारोह में मौजूद रहकर संबोधित किया . दादा जश्न वासवानी दो- एक वर्ष पहले अस्वस्थ थे और उन्होंने प्रवचन कार्यक्रम काफी कम कर दिए थे. अहमदाबाद में उनकी उपास्तिथि सभी का उत्साह बढ़ाने वाली रही. दादा ने साहित्यकारों की भूमिका को अहम् बताते हुए समाज को सही दिशा में ले जाने के यत्न बढ़ाने का आह्वान किया.
सिन्धी भाषा विकास परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री रमेश वर्ल्यानी ने इस गरिमामय आयोजन के लिए लम्बे समय से तैयारियां की थी.साहित्यकारों को लोक कथाओ की रोचक प्रस्तुति ,नाटक कला के इतिहास कथा साहित्य,काव्य, भाषा आधारित शोध कृतियों के लिए पचास -पचास हजार रुपये की पुरस्कार राशि,सम्मान पट्टिका और शाल,श्रीफल द्वारा सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के संयोजक श्री अमर दौलतानी और संचालक निर्मल गोपलानी थे. आयोजन का समापन महेश चंदर के सुमधुर गीतों से हुआ .श्री महेश के पिता मास्टर चंदर भी जाने माने सिन्धी गायक,कंपोजर और फिल्म अभिनेता थे .दो वरिष्ठ साहित्यकार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किये गए.ये हैं -सिन्धी व्याकरण,शब्दकोष और अनेक पाठ्य -पुस्तकों के लेखक अहमदाबाद निवासी श्री सतराम दास सायल और श्री जेठो लालवानी.श्री सायल की आयु सौ बरस है और वे अभी भी सृजनरत है.इन् दोनों साहित्यकारों को एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गयी. समारोह में पुस्तको के विमोचन भी हुए.डॉ कमला गोकलानी,भगवान बाबानी,रश्मि रमानी,सिन्धी दैनिक हिन्दू,मुंबई के संपादक श्री किशन वरयानी,अखिल भारत सिन्धी बोली साहित्य सभा के सांस्कृतिक अध्यक्ष चंदर सावनानी, कनयो रूपानी, राम बक्शानी,हीरो ठकुर,साहित्य अकादमी के सिन्धी भाषा संयोजक डॉ प्रेमप्रकाश और अनेक लब्ध-प्रतिष्ठ साहित्यकार इस समारोह की गरिमा बढ़ा रहे थे.
-अशोक मनवानी