समस्याओ का समाधान तभी हो सकता है जब…

narendra singh shekhavatदेश की सारी समस्याओ का समाधान तभी हो सकता है जब देश का हर नागरिक देश भक्त हो अपने व परिवार से पहले देश के बारे मे सोचे परंतु देश का हर नागरिक देश भक्त होने की तब ही सोचेगा जब देश के हर नागरिक की मूल भूत आवश्यकता ,रोटी ,कपड़ा,मकान,पीने को पानी,बीमारी का इलाज ,बच्चों की शिक्षा ,स्वंय एंव परिवार की सुरक्षा तथा बुढ़ापे की चिंता मिटे तथा यह सारी व्यावस्था सरकार द्वारा हो साथ ही समय पर व निस्पक्ष न्याय मिले सरकारी कार्य पारदर्शी व जवाबदेही व्यवस्था के द्वारा पूर्ण हो इन सब को करने के लिए सरकार के पास प्रयाप्त संख्या मे साधन व कर्मचारी हो और इसको पूरा करने के लिए धन की आवस्यकता पड़ेगी और धन किसी भी सरकार के पास टेक्स के द्वारा ही आता है हर नागरिक टेक्स तब भरेगा जब उसको विश्वास हो जाएगा की मेरे द्वारा भरे हुये टेक्स के एक-एक पैसे का सदुपयोग होगा और जो ईमानदारी से टेक्स नहीं भरेगा उसकी सारी संपति जब्त होगी यह तभी संभव होगा जब हमारे नेता ,अधिकारी ,पुलिस ,न्यायालय ,मीडिया ,सब अपना अपना कार्य ईमानदारी से करे और यह तब संभव होगा जब भारत का हर नागरिक राजनीति मे सक्रिय रूप से भाग लेगा और देश के लिए क्या सही है और कोन सही करेगा व केसे करेगा यह सब वो पार्टियो व नेताओ से पूछेगा एव माऊथ पब्लिसिटी व अन्य साधनो के द्वारा एक दूसरे को बताकर अपनी बात केवल 31 महीने मे पूरे देश मे पहुंचा सकते है एक एसी योजना जिसमे न धरना ,न प्रदर्शन ,और न ही रेली ,और न ही किसी राजनेटिक पार्टी या व्यक्ति का समर्थन और न ही किसी का विरोध न अपना व्यवसाय को छोड़ना ,और न अपनी नोकरी छोड़ना अपने सारे दैनिक कार्य करते हुये ही इस योजना के द्वारा देश की सारी समस्याओ को समाप्त किया जा सकता है एसी अनोखी योजना है क्या आप साथ देंगे आपको केवल इतना करना है चुनाव लड़ने वालो से केवल इतना पूछना है की आप चुनाव क्यों लड़ना चाहते है तो स्वाभाविक उत्तर होगा देश सेवा के लिए तो हम उनसे कहेंगे की हम ने इस बार पार्टियों का नहीं जनता का घोसणा पत्र तैयार किया है जो की एक शपथ पत्र होगा तथा
उस पर संभावित बिन्दु इस प्रकार लिखे होंगे 
1 मे लाल बत्ती की गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करूंगा
2 गाड़ी पर विधायक , सांसद ,अध्यक्ष ,आदि नहीं लिखुंगा
3 मे माला ,शाफा ,शाल ,चुनरी, आदि नहीं पहनुगा
4 मे फीता नहीं काटुंगा
5 मेरे नाम का पत्थर नहीं लगाऊँगा
6 जीतने के बाद जुलूस नहीं निकालूँगा
7 मेरे आगे पीछे पुलिश की व्यवस्था नहीं रखूँगा
8 किसी के ट्रांसफर की डिजायर नहीं लिखुंगा
9 किसी की सिफ़ारिश नहीं करूंगा क्यों की मेरे लिए सब बराबर है
10 मे चलते ट्राफिक को बाधित नहीं करूंगा यानि मेरे लिए चलते ट्राफिक को रोका नहीं जाएगा
11 राजनीति के माध्यम से विशेष लाभ नहीं लूँगा जेसे पेट्रोल पम्प ,गेस एजेंसी ,खान आदि
12 मेरे को मिलने वाली निशुल्क सुविधा को केवल जनहित मे उपयोग करूंगा
13 पोस्टर आदि मे मेरी फोटो नहीं लगाऊँगा
14 सांसद व विधायक फंड बंद हो उसका समर्थन करूंगा क्यों की यह काम प्रशासन का है मेरा नहीं
15 जनहित मे नए कानून बनाऊँगा तथा बने हुए कानून लागू कराऊंगा व किसी भी नागरिक पर अत्याचार होगा तो उसकी सहायता करूंगा
उपरोक्त बिन्दुओ पर कोई भी ऊमीद्वार लिखित मे शपथ पत्र देता है तो समझो वो देश सेवा के लिए ही चुनाव लड़ रहा है और मना करे तो तो समझो खुद की व परिवार की सेवा लिखित मे देने पर यदि कोई ऊमीद्वार इसका पालन नहीं करता है तो हम उसके आधार पर कोर्ट व जनता के बीच जाकर उसे त्याग पत्र देने के लिए बाध्य कर सकते है कोई भी पार्टी का ऊमीद्वार हमे लिख कर देगा हमे उसी का समर्थन करने के लिए कहेंगे एक से अधिक लोग लिख कर देंगे तो उनमे से सबसे अच्छे व्यक्ति को चुनेगे अभी तो हम चार खराब मे से काम खराब को चुनते है क्यों की हमारे पास विकल्प ही नहीं होता है
-नरेन्द्र सिंह शेखावत भारीजा
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