
अगर जीवन में सफलता (Success) चाहते हैं तो जीवन में सकारात्मकता (Positiveness) लाएं इसका अर्थ है कि अपनी जीवनी हेतु खुद ज़िम्मेदार बने l सकारात्मक व्यक्ति (Positive Person) इस बात को समझते हैं के उनके जीवन पर स्वयं उनका ही उत्तरदायित्व है l सकारात्मक व्यक्ति अपने आचरण के लिए परिस्थितियों (Conditions) अथवा परिवेष (Environment) को दोष नहीं देते हैं
वहीँ दूसरी तरफ जो व्यक्ति प्रतिक्रियाशील (Reactive) होते हैं वो ज्यादातर अपने भौतिक वातावरण से प्रभावित होते हैं l वो अपने आचरण के लिए बाहरी चीजों को दोष देते हैं l अगर मौसम अच्छा है, तो उन्हें अच्छा लगता है और अगर नहीं है तो यह उनके रवैये और प्रदर्शन को प्रभावित करता है और वो मौसम को दोष देते हैं l
सभी बाहरी ताकतें ((External Factor) एक उत्तेजना (Stimulus) की तरह काम करती हैं, जिन पर हम प्रतिक्रिया करते हैं l इसी उत्तेजना और आपकी प्रतिक्रिया के बीच में आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है और वो है इस बात कि स्वतंत्रता कि आप अपनी प्रतिक्रिया का चयन स्वयं कर सकते हैंl एक बेहद महत्त्वपूर्ण आशय है कि आप इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि आप क्या बोलते हैं l आप जो भाषा प्रयोग करते हैं वो इस बात को संबोधित करती है कि आप खुद को कैसे देखते हैं l
एक सकारात्मक व्यक्ति सकारात्मक भाषा का प्रयोग करता है, जैसे के “मैं कर सकता हूँ, मैं करूँगा, आदि l एक प्रतिक्रियाशील व्यक्ति प्रतिक्रियाशील भाषा का प्रयोग करता है जैसे के “मैं शायद नहीं कर पाऊँगा, काश अगर ऐसा होता, इत्यादि l प्रतिक्रियाशील व्यक्ति सोचते हैं कि वो जो कहते और करते हैं उसके लिए वो खुद जिम्मेदार नहीं हैं तथा उनके पास कोई विकल्प नहीं है l ऐसी परिस्थितियां जिन पर बिलकुल भी नहीं या थोड़ा-बहुत नियंत्रण किया जा सकता है, उसपर प्रतिक्रिया या चिंता करने के बजाये सकारात्मक व्यक्ति अपना समय और ऊर्जा ऐसी चीजों में लगाते हैं जिनको वो नियंत्रित कर सकें l
हमारे सामने जो भी समस्याएं, चुनतिया या अवसर होते हैं उन्हें हम दो वर्गों में बाँट सकते हैं: पहला चिंता क्षेत्र (Zone of Concern) और दूसरा प्रभाव क्षेत्र (Zone of influence), सकारात्मक व्यक्ति अपना प्रयत्न प्रभाव क्षेत्र पर केन्द्रित करते हैं l वो ऐसी चीजों पर काम करते हैं जिनके बारे में वो कुछ कर सकते हैं जैसे के स्वास्थ्य, बच्चे, कार्य क्षेत्र कि समस्याएं आदि l प्रतिक्रियाशील व्यक्ति अपना प्रयत्न चिंता क्षेत्र पर केन्द्रित करते हैं: आतंकवाद, मौसम आदि l इस बात कि जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है के हम अपनी ऊर्जा किन चीजों में खर्च करते हैं, व्यर्थ की चिंता करके अथवा आपने प्रभाव क्षेत्र से परिस्थितियों को बदलकर
-कमल नंदलाल
Defniction