चौपाल

Devi N 1

चौपाल में आमने सामने हम खड़े हैं
पहले भी कई बार मिले हैं
मूकता की महफ़िलों में
आस-पास बैठे हैं
बनकर दोनों अजनबी!
और
मैं चाहती हूँ मैं अनजान ही रहूँ तुम्हारे लिए,
और, तुम भी मेरे लिए
शायद……
पहचान हर रिश्ते का
अंत कर देती है।
-देवी नागरानी

 

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