कोलंबो। पिछले महीने श्रीलंका में आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (चोगम) में शामिल न होकर खुद को तमिल समर्थक बताने और अब तमिल बहुल जाफना के दौरे की तैयारी में जुटे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का श्रीलंका में विरोध शुरू हो गया है। भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे की भनक लगते ही श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी यूएनपी ने सरकार से इस दौरे की इजाजत न देने की मांग की है।
यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के वरिष्ठ नेता जॉन अमरतुंगा ने संसद में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश के यु्द्ध प्रभावित इस उत्तारी प्रांत का दौरा करने से रोकने की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के जाफना दौरे को इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि पिछले महीने उन्होंने राष्ट्रमंडल सम्मेलन में भाग नहीं लिया था।
अमरतुंगा ने सवाल किया, ‘मनमोहन सिंह बिना हमारे राष्ट्रपति के बुलावे के कैसे जाफना के दौरे पर जा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम आशंकित हैं कि कहीं यह देश के बंटवारे की कोशिश तो नहीं। अगर ऐसा है तो यूएनपी इसका कड़ा विरोध करती है।’
गौरतलब है कि हाल ही में श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तारी प्रांत का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद सीवी विग्नेस्वरन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जाफना का दौरा करने का आमंत्रण दिया था।