
मारियो गोत्जे ने अतिरिक्त समय में गोल कर जर्मनी को जीत दिलाई। फाइनल मुकाबले में जर्मनी और अर्जेंटीना की तरफ से निर्धारित 90 मिनट के अंदर कोई गोल नहीं हो सका। इसके बाद मैच 30 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम में चला गया। 113वें मिनट में आखिरकार वह क्षण आया, जब दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमियों को बहु प्रतीक्षित विजयी गोल देखने को मिला। यह गोल उस मारियो गोत्जे ने किया, जिन्हें वर्ल्ड कप में सर्वाधिक 16 गोल करने वाले क्लोज की जगह 87वें मिनट में मैदान में भेजा गया था। गोत्जे ने आंद्रे शुर्ले के बाएं छोर से दिए गए क्रॉस को अपनी छाती पर रोका और शानदार वॉली से उसे गोल तक पहुंचा दिया।
गोत्जे के गोल की बदौलत जर्मनी 24 साल बाद फिर से फुटबॉल वर्ल्ड चैम्पियन बनने में सफल रहा। इससे पहले पश्चिम जर्मनी ने 1954, 1974 और 1990 में खिताब जीता था। इस तरह जर्मनी चौथी बार विश्व चैम्पियन बनने में सफल रहा।
1978 और 1986 के चैम्पियन अर्जेंटीना का तीसरा खिताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। संयोग से जर्मनी ने इससे पहले अपना आखिरी खिताब भी अर्जेंटीना को हरा कर ही जीता था।
मुकाबले के पहले हाफ में दोनों टीमों पर दबाव साफ दिखाई दिया। दोनों को गोल करने के कई अवसर मिले, लेकिन दिशाहीन प्रहार से गेंद को गोल में नहीं बदल सके। दूसरे हाफ में दोनों टीमों के खिलाड़ी लय में नजर आए और अटैक पर जोर दिया। हालांकि, निर्धारित 90 मिनट तक दोनों टीमें गोल नहीं कर सकीं। अतिरिक्त समय के पहले हाफ में ही लियोनल मैसी को एक मौका मिला, लेकिन वो उसे गोल में नहीं बदल पाए।