ईरान ने नोबेल पुरस्कार की टक्कर का अपना ‘नोबेल पुरस्कार’ शुरू करने की घोषणा की है। इसका नाम होगा ‘द ग्रेट प्रोफेट वर्ल्ड प्राइज’, जिसे ‘नोबेल पुरस्कार’ की कहा गया है। यह पुरस्कार सिर्फ इस्लामिक जगत के वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए ही शुरू किया जा रहा है। ईरान की आधिकारिक न्यूज एजेंसी फार्स के जरिये शनिवार को यह घोषणा की गई।
ईरान के विज्ञान और तकनीकी विभाग की उपाध्यक्ष नसरीन सोलतंकाह ने कहा कि द ग्रेट प्रोफेट वर्ल्ड प्राइज मुस्लिम जगत के वैज्ञानिकों को तीन तकनीकी क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा, जिनमें खुद ईरान ने भी तरक्की की हो। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इस पुरस्कार के लिए वे तीन क्षेत्र कौन से होंगे, लेकिन कहा कि ये ऐसे क्षेत्र होंगे जो मुस्लिम वैज्ञानिकों को नोबेल जैसे वैश्विक पुरस्कारों की दौड़ में उनके और करीब लेकर जाएंगे। गौरतलब है कि ईरान को अब तक सिर्फ एक नोबेल मिला है। 2003 में वहां की मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन इबादी को इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया था। नोबेल पुरस्कार की स्थापना 1901 में हुई थी और फिलहाल यह छह श्रेणियों में दिया जाता है।