चाय और शहद में है जिद्दी बैक्टीरिया की काट

जिस सुपरबग पर किसी एंटीबायोटिक दवा का कोई असर नहीं होता है, उससे लड़ने के लिए वैज्ञानिक अब घरेलू उपायों को आजमा रहे हैं। वैज्ञानिकों का मत है कि चाय, शहद और इस तरह के परंपरागत घरेलू उपचार से सुपरबग (जिद्दी बैक्टीरिया) का सामना किया जा सकता है। अति विकसित प्रतिरोधक क्षमता के चलते इस बैक्टीरिया पर दवा का कोई असर नहीं होता है। कार्डिफ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लेस बेली के मुताबिक, यह बेहद अफसोसनाक है कि हम अभी तक ऐसा कुछ भी ईजाद नहीं कर सके हैं, जो सुपरबग पर प्रभावी हो। यह उस दौर में लौटने जैसा है जब एंटीबायोटिक नहीं हुआ करते थे। बेली और उनकी टीम चाय और शहद जैसे अन्य परंपरागत उपायों में सुपरबग की काट ढूंढ रहे हैं जो सुपरबग का सामना कर सके। चाय में पाया जाने वाला यौगिक पॉलीफेनॉल्स एक ओर जहा स्वास्थ की दृष्टि से उपयोगी होता है, वहीं सूक्ष्म जीवों को मारता भी है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में इन घरेलू उपायों की मदद से सुपरबग का सामना किया जा सकेगा।

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