पाक सरकार संकट में, झड़पों के बीच जरदारी ने दुबई भेजा परिवार

भारत की शांति भंग करने वाला पाकिस्तान भी अब बगावत की आग में सुलग रहा है। यहां मई में होने वाले आम चुनाव से पहले राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। इस कड़ी में एक और नाम शामिल हुआ है मौलवी मौलाना कादरी का। पिछले साल दिसंबर में कनाडा से लौटे कादरी सोमवार को हजारों समर्थकों के साथ लाहौर से लॉन्ग मार्च निकालते हुए इस्लामाबाद पहुंचे हैं। अब ये संसद को भंग करके राष्ट्रपति जरदारी को पद से हटाना चाहते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने संसद को भंग करने के लिए सरकार को अल्टीमेटम तक दे डाला है। कादरी के समर्थकों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़प की खबर है।

पाकिस्तान में इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी के करीब एक लाख समर्थक संसद, विधानसभाओं को भंग करने और सरकार के इस्तीफे समेत कई मांगों को लेकर संसद के बाहर जमा हो गए हैं। पुलिस के साथ भी भिड़ंत की खबरें आ रही है। सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर दबाने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है।

कादरी ने संसद भंग करने के लिए आज सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। इस बगावती सुर को देखते हुए आसिफ अली जरदारी ने अपने परिवार को दुबई भेज दिया है।

पाकिस्तान में नेशनल एसेंबली को भंग करने की मांग को लेकर लाहौर से इस्लामाबाद तक का लॉन्ग मार्च शुरू हुआ। अब कादरी के समर्थकों ने संसद के सामने डेरा डाल रखा है। पूरे पाकिस्तान की फोन लाइन्स जाम हो गई हैं और लाखों लोग इस आंदोलन का हिस्सा बने हैं। देश में पड़ रही कड़ाके की ठंड की परवाह किए बिना हर हिस्से से लोगों में राजधानी पहुंचे हैं।

सरकार से असंतुष्ट होकर कादरी वर्ष 2006 में कनाडा चले गए थे। उसके बाद पिछले साल दिसंबर अचानक हुई उनकी वापसी के बाद सियासी उथल-पुथल मची हुई है। कादरी ने खुद को सुधारवादी नेता के रूप में पेश कर पाकिस्तानी आवाम के एक बड़े हिस्से का समर्थन हासिल किया है। कादरी ने सोमवार को आधी रात को सरकार के खिलाफ भाषण में कहा कि वह संसद को भंग करके राष्ट्रपति जरदारी को अपदस्थ कर देंगे। सरकार के खिलाफ इस लांग मार्च का आयोजन कादरी के संगठन तहरीक मिनहाजुल कुरान ने किया है।

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