अलमाटी/कजाखिस्तान। परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ईरान की छह विश्व शक्तियों के साथ दो दिवसीय बातचीत बुधवार को समाप्त हो गई। इसमें कोई महत्वपूर्ण सफलता तो हाथ नहीं लगी लेकिन दोनों पक्ष अगले महीने इस्तांबुल में बैठक करने पर सहमत हो गए हैं। कजाखिस्तान में फिर से बातचीत पांच अप्रैल को प्रारंभ होगी।
फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, चीन, रूस और ब्रिटेन ने बातचीत में पेशकश की कि यदि ईरान परमाणु गतिविधियों से पीछे हट जाता है तो उसके खिलाफ कुछ प्रतिबंधों को हटाया जा सकता है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान परमाणु हथियारों का निर्माण कर रहा है। ईरान इससे इन्कार करता रहा है। ईरान ने छह विश्व शक्तियों की पेशकश को अस्वीकार कर दिया। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यदि इस मुद्दे के हल के लिए कूटनीतिक प्रयास विफल रहते हैं तो मध्य पूर्व में एक और युद्ध छिड़ सकता है। बातचीत में दोनों पक्ष किसी समझौते के नजदीक नहीं पहुंचे। हालांकि ईरान का कहना है कि बातचीत एक सकारात्मक कदम था। ईरान के मुताबिक पश्चिमी देशों के राजनयिकों ने स्पष्ट किया है कि शीघ्र ही एक बार फिर बातचीत करने पर जो सहमति बनी है उससे भविष्य में सफलता की उम्मीद की जा सकती है। ईरान का कहना है कि देश में जून में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। राजनयिक इस बात से अवगत हैं ऐसे में रियायती कदम उठाना ईरान के लिए संभव नहीं है। छह विश्व शक्तियों की ओर से बातचीत का नेतृत्व कर रहीं यूरोपीय यूनियन [ईयू] के विदेश नीति मामलों की प्रमुख कैथरीन एस्टन ने कहा, हमें उम्मीद है कि ईरान हमारे प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार कर रहा है। हमें देखना है कि आगे क्या होता है।