काठमांडू। नेपाल ने भारत से साल 2008 में तराई क्षेत्र के बिराटनगर कस्बे में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खोले गए राहत कार्यालय को तत्काल बंद करने को कहा है। शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
‘रिपब्लिका डेली’ ने विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ के हवाले से लिखा, राजनयिक संदेशों के जरिये हमने भारत सरकार से अपने फील्ड आफिस को बंद करने को कहा है।
उनका कहना है कि इसका उद्देश्य अब पूरा हो चुका है। जनवरी 2011 में नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कार्यालय बंद करने की जरूरत के बारे में भारतीय दूतावास को लिखा था।
समाचार पत्र के अनुसार, विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘नेपाल की ओर से कई निर्देश जारी होने के बावजूद कार्यालय बंद करने को लेकर भारत हिचकिचा रहा है।’
शुरुआत में राहत कार्यालय नेपाल-भारत सीमा पर स्थित कोसी बैराज पर बना था, लेकिन बाद में नेपाल की स्वीकृत के बिना भारत ने इसे बिराटनगर स्थानांतरित कर दिया।
चुनाव सरकार का गठन जल्द
नेपाल में चीफ जस्टिस के नेतृत्व में जल्द ही चुनाव सरकार का गठन हो सकता है। शुक्रवार को नेपाल की मुख्य राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने दावा किया कि सात मार्च से पहले चीफ जस्टिस के नेतृत्व में सर्वसम्मति चुनाव सरकार के गठन से वे कुछ ही कदम दूर हैं।
सूत्रों ने बताया, राष्ट्रपति भवन में बैठक के दौरान नेताओं ने राष्ट्रपति रामबरन यादव को ताजा राजनीतिक घटनाक्रमों और गतिरोध खत्म करने के लिए हाल ही में पार्टियों के बीच बनी सहमति के बारे में जानकारी दी।