रिकॉल ऑफ ओसामा: कमजोर होती अलकायदा

osama with alqayada 2013-3-8नई दिल्ली। दुनिया में आतंक का पर्याय बना ओसामा बिन लादेन अब गहरे समुद्र की गोद में दफन हो चुका है। लेकिन रह-रह कर भी उसका नाम मीडिया और अमेरिका की जुबान पर गाहे-बगाहे आ ही जाता है। अमेरिका जहां एक के बाद अल कायदा के आतंकियों को निशाना बना रहा है वहीं अब इस आतंकी संगठन की ताकत भी लगातार ढीली होती जा रही है। शुक्रवार को ओसामा के दामाद को तुर्की से गिरफ्तार कर अमेरिका ले जाया गया है।

अमेरिका पर अब तक के सबसे बडे़ आतंकी हमले को कराकर ओसामा पूरी दुनिया की निगाहों में छा गया था। अमेरिका में वर्ष 2001 में 9/11 के इस हमले में तीन हजार के करीब लोग मारे गए थे। इस घटना के बाद जहां अमेरिका की पहचान कहे जाने वाले व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर धूल में मिल गया वहीं इस हमले ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से झकझोर दिया था।

9/11 के इस हमले के बाद दुनिया भर में अल कायदा और ओसामा आंतकी सूची में सबसे पहले नंबर पर आ गए। इसके बाद ही अमेरिका ने अलकायदा के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत की और इस लड़ाई का अंत 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ, जहां ओसामा को अमेरिकी नेवी सील कमांडो की टुकड़ी ने न सिर्फ मार गिराया बल्कि उसके शरीर को गहरे समुद्र में किसी अज्ञात स्थान पर दफन भी कर दिया।

सऊदी अरब के एक धनी परिवार में 10 मार्च 1957 में पैदा हुए ओसामा बिन लादेन अपने पिता मोहम्मद बिन लादेन के 17 वीं संतान थे। ओसामा के पिता की मौत के बाद वह युवावस्था में ही अरबपति बन गया था। लेकिन जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान में जंग छेड़ी तो ओसामा ने हथियार उठा लिए। अमेरिका में आतंकी हमले को अंजाम देने के पीछे कई वजह थीं। इराक पर अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंध, इरान में अमेरिकी फौज की मौजूदगी, अमेरिका का इजराइल को समर्थन समेत कई ऐसे मुद्दे थे जिसके खिलाफ ओसामा ने अमेरिका के खिलाफ फतवा जारी कर ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को मारने का निर्देश दिया गया था।

अमेरिका द्वारा ओसामा के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद वह लगातार अपनी जगह बदलता गया। इस लड़ाई में अमेरिका ने पानी की तरह से पैसा बहाया, लेकिन ओसामा उसकी पहुंच से दूर ही रहा। 2011 में जब अमेरिका को उसके ठिकाने का पता चला तो उसने दो मई 2011 को कुछ रिहर्सल के बाद पाकिस्तान के एबटाबाद स्थित हवेली पर अपने तेज तर्रार नेवी सील कमांडो की दो टुकड़ियां भेज दी। इन टुकड़ियों ने ओसामा को बचने का कोई मौका नहीं दिया और सीधी लड़ाई में उसकी मौत हो गई। कमांडो ने उसके सिर में गोली मारी और उसको ढेर कर दिया। बाद में कमांडो उसकी बॉडी को अमेरिका ले गए जहां उसकी जांच हुई और पुष्टि की गई कि वह ओसामा ही है।

ओसामा की मौत के 12 घंटे के बाद अमरीका के विमान वाहक पोत यूएसएस कार्ल विन्सन पर शव को एक सफेद चादर में लपेट कर एक बड़े थैले में रखा गया और फिर अरब सागर में उतार दिया गया। अमरीकी अधिकारी के मुताबिक, सऊदी अरब ने शव लेने से इनकार कर दिया था।

हालांकि ओसामा के बाद अलकायदा की कमान ओसामा के करीबी अल जवाहरी ने संभाल ली और अमेरिका के खिलाफ हमले तेज करने की धमकी भी दी है, लेकिन हकीकत यह है कि अब यह संगठन पहले की तरह ताकतवर नहीं रहा है। अब ओसामा के कई साथी अमेरिका के हाथों या तो मौत के घाट उतारे जा चुके हैं या फिर उसकी गिरफ्त में हैं। ओसामा के दामाद को तुर्की की खुफिया एजेंसियों ने गिरफ्तार कर अमेरिका के हवाले कर दिया है। जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार सुलेमान कभी ओसामा का प्रवक्ता हुआ करता था। उसको अब अमेरिका न्यूयार्क ले जाकर पूछताछ करेगा।

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