काराकस। वेनेजुएला के राष्ट्रपति दिवंगत ह्यूगो शावेज का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अमेरिका की साम्राज्यवादी नीतियों के धुर विरोधी शावेज का मंगलवार को कराकास के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया था। शावेज की मौत से पूरा देश गमगीन है। हजारों की संख्या में लोग अपने प्रिय नेता के शव को देखने के लिए पहुंच रहे। भारत की ओर से कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट वेनेजुएला के दिवंगत राष्ट्रपति की अंतिम यात्रा में शिरकत करेंगे।
सैनिक सलामी और आंखों में आंसू लिए ये लोग आखिरी बार अपने नेता को देखना चाह रहे हैं। शावेज के निधन के बाद अब देश असामयिक चुनाव के भंवर में फंस गया। देश में अगले 30 दिन के अंदर राष्ट्रपति चुनाव होंगे। शावेज का शव काराकस सैन्य अकादमी में आधे खुले ताबूत में रखा हुआ है। उन्हें गहरे हरे रंग की खाकी वर्दी, काली टाई और लाल रंग की गोल टोपी पहनाई गई है। यह परिधान उनकी 14 साल की समाजवादी क्रांति का प्रतीक है।
हजारों लोग पूरी रातभर अकादमी के बाहर लाइन लगाकर शव देखने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। उनकी अंतिम यात्रा के लिए तीन देशों के राष्ट्रपति बोलीविया के इवो मारेल्स, अर्जेटीना की क्रिस्टीना कर्चनर और उरुग्वे के जोस मुजेका काराकस पहुंच चुके हैं। ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद भी वेनेजुएला पहुंचेंगे। क्यूबा ने भी अपने यहां तीन दिन का शोक घोषित किया है।
शावेज को तेल संपदा से भरपूर वेनेजुएला में खासा पसंद किया जाता था। अपने समाजवादी विचारों के कारण उन्होंने देश और दुनिया में कई दोस्त और दुश्मन बनाए। शावेज की लाल टोपी पहनकर आए सेल्समेन सॉल मेंटानो ने कहा कि मैं उन्हें मरते हुए नहीं देखना चाहता था। वह ताबूत में हैं, लेकिन उनके विचार हमेशा जिंदा रहेंगे। आगामी चुनाव में माडुरो की जीत पक्की मानी जा रही है।
अकादमी में शावेज का शव देखने पहुंची मार्गरीटा मार्टिनेज ने कहा कि माडुरो अब हमारे राष्ट्रपति हैं। शावेज यही चाहते थे। हम चुनाव में उन्हें जिताकर अपने नेता की अंतिम इच्छा पूरी करेंगे। शावेज के निधन के साथ ही तेल संपन्न देश वेनेजुएला का भविष्य अनिश्चितता के भंवर में फंस गया है। माडुरो शावेज की करिश्माई सोच के साथ विपक्षी नेता हेनरिक केप्रिलेस की चुनौती का सामना करेंगे।
शावेज ने हमेशा क्यूबा, रूस, सीरिया और ईरान का समर्थन किया। इससे वह अमेरिका की आंख के किरकिरी बने हुए थे। राष्ट्रपति की रक्षा करने वाले टुकड़ी के प्रमुख ने बताया कि शावेज का निधन दर्दनाक पीड़ा के बाद पड़े दिल के दौरे से हुआ है। पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने वाले शावेज का लंबे समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। जरनल जोस ओरनेल ने कहा, उन्होंने कहा कि वह मरना नहीं चाहते हैं और हम उन्हें मरने न दें। वह अपने देश से प्यार करते थे। इसलिए जिंदा रहकर बाकी बचे काम पूरा करने चाहते थे।
भारत की ओर से शावेज की अंतिम यात्रा में शिरकत करने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट वेनेजुएला काराकस के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके साथ विदेश मंत्रालय के कई अधिकारी भी गए हैं। अपने प्रिय राष्ट्रपति के निधन पर वेनेजुएला में सात दिनों का शोक घोषित किया गया है। इस दौरान शराब और सिगरेट की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मंत्रालय ने निजी हथियारों पर सात दिनों तक आंशिक प्रतिबंध भी लगाया है।
वहीं रूस की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गेनेडी ज्यूगानोव ने आरोप लगाया है कि ह्यूगो शावेज की मौत में अमेरिका का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले भी अपने विरोधी नेताओं को विभिन्न बीमारियों से मार चुका है। लातिन अमेरिकी देशों के अमेरिका विरोधी छह नेताओं के साथ पहले भी ऐसा हो चुका है। उन्होंने शावेज की मौत की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।