कश्मीर हमले पर खार का उनके ही मंत्रालय ने किया खंडन

HinaKhar 2013-3-4इस्लामाबाद। श्रीनगर में बुधवार की सुबह सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले के बीच पाकिस्तान ने लीक से हटकर राग अलापा है। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए परंपरागत तरीकों से हटकर समाधान की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच चले आ रहे लंबे विवाद को हल करने में आतंकवाद कोई मदद नहीं कर सकता।

खार के इस बयान का विदेश मंत्रालय ने तुरंत खंडन कर दिया है। पाकिस्तान सरकार के पांच साल पूरे होने के साथ ही 16 मार्च को खार का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। उन्होंने विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि सैन्य ताकत भी कश्मीर समस्या का समाधान नहीं है। भारत तत्काल कश्मीर पर कोई बात नहीं करेगा। ऐसे में भारत के साथ व्यापार ही सबसे बेहतर तरीका है। जैसे-जैसे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा, भारत के लोग अपनी सरकार पर कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए दबाव बनाएंगे। इस तरह से हम कश्मीर के लोगों को कुछ राहत दिला सकते हैं। उन्होंने तनावपूर्ण माहौल के बीच हाल में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की निजी भारत यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों के लिए अहम बताया। मीडिया में आए खार के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोअज्जम खान ने कहा कि विदेश मंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। इस बीच, पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि भारत में भी चरमपंथ बढ़ रहा है। वैश्रि्वक शांति को चेतावनी दे रहे आतंक से निपटने के लिए व्यापक लड़ाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में भी कट्टरपंथी विचारधारा के लोग हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। दूसरी तरफ मलिक ने कहा कि पाकिस्तान में शांति व्यवस्था को सुनिश्चित कर लिया गया है। मलिक ने कहा, ‘अब हम जहां कहीं भी जाते हैं, वहां शांति रहती है। हम गिलगित और कभी प्रतिबंधित संगठनों के ठिकाने रहे इलाकों में भी जा सकते हैं।’

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