इस्लामाबाद। भ्रष्टाचार के मामलों में अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को आगामी आम चुनावों में अयोग्य करार दिया जा सकता है। रविवार को मीडिया में जारी खबरों में यह बात कही गई है।
गौरतलब है कि अशरफ के सह स्वामित्व वाली एक कंपनी को सरकारी विभाग की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर डिफाल्टर घोषित किया जा चुका है।
रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1976 के तहत व्यवसायिक समझौते में धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जा सकता है। अगस्त, 1986 में अशरफ और उनके दो अन्य साझेदारों की कंपनी ‘फेयरविन एंटरप्राइसेज’ को राजधानी विकास प्राधिकरण ने डिफाल्टर घोषित कर दिया था।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने इस्लामाबाद में व्यवसायिक जमीन खरीदी थी। इस पर एक दर्जन से अधिक दुकानें और दस फ्लैट्स का निर्माण किया गया। बाद में इन्हें 18 खरीदारों को बेच दिया गया। नवंबर, 1988 में सीडीए के बकाया बीस लाख डॉलर का भुगतान किए बिना अशरफ की कंपनी ने इस जमीन को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया। सीडीए ने 1994 तक कंपनी को बकाया राशि के संबंध में कई नोटिस भेजे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद प्लॉट को सील कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, प्लॉट के नए खरीदार ने अशरफ की कंपनी से बकाया राशि चुकाने का आग्रह भी किया था। इसके बाद सीडीए द्वारा कार्रवाई के डर से नए खरीदार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में अशरफ की कंपनी को डिफाल्टर बताने वाले सीडीए के चेयरमैन सैयद ताहिर शाहबाज को बाद में उनके पद से हटा दिया गया था। इसके बाद इस्लामाबाद के चुनाव आयुक्त तारिक महमूद पीरजादा को सीडीए का नया चेयरमैन घोषित किया गया। सुप्रीम कोर्ट की मानवाधिकार इकाई ने पीरजादा को इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है।