पोप का फ्रांसिस नाम रखने के पीछे ये है खास राज

Pope Francis posts first tweet,लंदन। नवनिर्वाचित पोप ने पहली दफा अपने लिए ‘फ्रांसिस’ नाम चुनने का कारण स्पष्ट किया है। अर्जेटीना में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए मशहूर पोप फ्रांसिस पहले पोप हैं जिन्होंने यह नाम चुना है। यह 12-13 सदी के महान संत का नाम है, जिन्होंने जीवन पर्यत गरीबों के उद्धार के लिए काम किया।

वेटिकन सिटी में पहली बार पत्रकारों से मुखातिब पोप ने कहा कि गरीबों की सेवा करना ही कैथोलिक चर्च का पहला कर्तव्य है। दुनियाभर में फैले 120 करोड़ कैथोलिक अनुयायियों के 226वें पोप ने कहा, ‘सर्वाधिक मत मिलने पर ब्राजील के एक सहयोगी ने धीरे से मुझसे कहा कि गरीबों को कभी मत भूलना। उसी समय मेरे दिमाग में संत फ्रांसिस का नाम आया। संत फ्रांसिस भी गरीब थे। वह पशुओं से भी प्रेम करते थे और शांति की कामना रखते थे।’ 76 वर्षीय पोप फ्रांसिस लैटिन अमेरिका से चुने गए पहले पोप हैं। पिछले 1,300 साल में यह पहला मौका है जब किसी गैर यूरोपीय को पोप चुना गया है।

पोप का ट्वीट : मेरे लिए प्रार्थना करो

कैथोलिक चर्च के नए पोप फ्रांसिस ने अपनी पहली प्रार्थना के बाद पहला ट्वीट किया और लिखा, ‘मेरे लिए प्रार्थना करो’ (प्रे फॉर मी)। उन्होंने लिखा, ‘प्रिय मित्रो, मैं आप सभी का हृदय से शुक्रिया अदा करता हूं और आपसे अपने लिए प्रार्थना करने का आग्रह करता हूं।’ पहले लातिन अमेरिकी पोप ने यह ट्वीट पोंटिफेक्स नाम के अकाउंट से किया। पोप फ्रांसिस ने चुनाव के बाद पहली बार सेंट पीटर्स स्क्वायर पर लोगों को संबोधित करते समय भी यही अपील की थी।

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