इस्लामाबाद। उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के दूरस्थ कबायली इलाके में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में 30 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 97 आतंकी मारे गए।
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह क्षेत्र सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है, जिस पर कब्जे के लिए आतंकियों व सेना के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान की तोरा बोरा पहाड़ियों से नजदीकी होने के कारण तिराह वैली आतंकियों का ठिकाना बन गई है। ओरकजई एजेंसी में सैन्य अभियान से बचकर भागे तालिबान आतंकियों ने पिछले महीने इस घाटी पर नियंत्रण कर लिया था।
द डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर कबायली क्षेत्र में तिराह वैली पर कब्जे के लिए चल रहे संघर्ष ने उस समय भयानक रूप ले लिया, जब लड़ाकू विमानों व हेलीकॉप्टर से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
स्थानीय खबरों के मुताबिक, सेना और आतंकियों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। दोनों ओर काफी संख्या में लोग मारे गए हैं। अखबार की रिपोर्ट में सैन्य सूत्रों का हवाला देकर कहा गया है कि कम से कम 30 सुरक्षाकर्मियों और 97 आतंकी मारे गए हैं।
तिराह वैली में लश्कर-ए-इस्लाम और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। इन इलाकों को आतंकियों से खाली कराने के लिए सेना ने व्यापक अभियान चलाया हुआ है। सेना के सूत्रों ने बताया कि गत शुक्रवार को शुरू किए गए अभियान में आतंकियों की तरफ से जोरदार जवाबी हमले किए जा रहे हैं।
अखबार की रिपोर्ट में एक सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि तिराह वैली में यह सेना का सबसे मुश्किल अभियान है, जिसमें सेना को भारी नुकसान हुआ है। स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के एक अधिकारी भी इस संघर्ष में मारे गए हैं। इस कबायली क्षेत्र में मीडिया के जाने पर रोक लगाए जाने के कारण मरने वालों की संख्या की सही-सही पुष्टि नहीं हो पाई है।