पहले प्रतिबंध हटाओ फिर होगी बातचीत: उ. कोरिया

north-korea-demands-end-of-sanctions-if-us-wants-dialogueसियोल। उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर वाशिंगटन या सियोल के साथ बातचीत से पहले कड़ी शर्ते रखी हैं। इसमें उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की मांग की गई है। साथ ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा किए जा रहे संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास को समाप्त करने की गारंटी मांगी गई है।

उत्तर कोरिया के राष्ट्रीय रक्षा आयोग ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि बातचीत और युद्ध साथ-साथ नहीं चल सकते। अगर अमेरिका और उसकी कठपुतली दक्षिण कोरिया हमारी सेना और जनता के वार से बचना चाहते हैं और वास्तव में समझौते और वार्ता के जरिए मसला सुलझाना चाहते हैं तो उन्हें पहले हमारी शर्त माननी होगी।

बयान में कहा गया है कि कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त करने की शुरुआत तभी होगी जब अमेरिका प्रायद्वीप पर तैनात अपने परमाणु हथियारों को हटाएगा और उन्हें दोबारा तैनात न करने का वादा करे। शर्त के तहत अमेरिका से किसी परमाणु युद्ध अभ्यास में शामिल न होने का वादा करने को भी कहा गया है। उधर, अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा इन मांगों को माने जाने की संभावना बहुत कम हैं। दोनों ने पहले ही कहा है कि उत्तर कोरिया से तभी बात होगी जब वह अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन करेगा। उत्तर कोरिया ने पिछले साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के खिलाफ रॉकेट प्रक्षेपित किया था। प्योंगयांग ने दावा किया था कि यह पूरी तरह से वैज्ञानिक अभियान था, जिसका मकसद उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित करना था। जबकि आलोचकों का कहना था कि यह बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण था। इसके बाद फरवरी में उत्तर कोरिया ने तीसरा परमाणु परीक्षण किया।

परीक्षण को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने मार्च में उसके खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए। इन प्रतिबंधों से बौखलाए उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर परमाणु हमले की चेतावनी दी। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका की सेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था। इसमें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम दो अमेरिकी बी-2 बमवर्षक विमानों ने उड़ान भरी थी। इससे नाराज होकर उत्तर कोरिया ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखने का फैसला किया।

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