मुशर्रफ के अपमान पर भड़के सैन्य अधिकारी

musrafइस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के एक समूह ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के साथ हो रहे अपमानजनक बर्ताव का विरोध किया है। मुशर्रफ को वर्ष 2007 में आपातकाल लागू करने और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुंट्टो की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

क्वेटा स्थित कमांड एंड स्टाफ कॉलेज के 75 अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुशर्रफ के साथ किए जा रहे व्यवहार और सेना के कथित अपमान को लेकर संसद के ऊपरी सदन की एक समिति के समक्ष चिंता जाहिर की है। कर्नल साकिब अली चीमा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को संसद भवन में रक्षा मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हुसैन सैयद से मुलाकात की।

डान अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा, ‘सैन्य अधिकारियों का मानना है कि संविधान के तहत सैन्य बलों की आलोचना नहीं की जा सकती।’ पिछले दिनों पूर्व सेना अध्यक्ष मिर्जा असलम बेग सहित कई सेवानिवृत जनरलों ने मुशर्रफ के साथ हो रहे व्यवहार पर चिंता जाहिर की थी। 2007 में आपातकाल लगाने के दौरान 60 न्यायाधीशों को नजरबंद करने के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 69 वर्षीय मुशर्रफ की अंतरिम जमानत याचिका रद कर दी थी और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। इसके अलावा एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने भुट्टो हत्याकांड मामले में शुक्रवार को उन्हें 30 अप्रैल तक संघीय जांच एजेंसी [एफआइए] की हिरासत में भेज दिया है। तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ पर 2007 में स्वनिर्वासन से पाकिस्तान लौटने पर बेनजीर को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने का आरोप है। मुशर्रफ को उपजेल घोषित उनके फार्म हाउस में ही रखा गया है।

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