वाशिंगटन। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के नागरिक भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि देश में कभी भी आतंकी हमले हो सकते हैं। बोस्टन मैराथन में विस्फोट के बाद कराए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। गत 15 अप्रैल को हुए इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए थे।
गैलप द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक 51 फीसद लोगों का मानना है कि देश में कभी भी आतंकी हमले हो सकते हैं। अगस्त, 2011 में 9/11 आतंकी हमले के दस साल पूरे होने पर भी एक ऐसा ही सर्वे कराया गया था, लेकिन मौजूदा आंकड़ा पूर्व के सर्वेक्षण के नतीजों से 38 फीसद अधिक है।
गैलप के अनुसार, संभव है कि यह नतीजे बोस्टन मैराथन हमले से प्रभावित हो। यह भी संभव है कि लोगों का यह डर पिछले हफ्ते राष्ट्रपति और सांसदों को जहरीला पदार्थ राइसिन लगे खत भेजे जाने के कारण भी हो। गत 24 से 25 अप्रैल के बीच कराए गए इस सर्वे के मुताबिक करीब 12 फीसद अमेरिकी सोचते हैं कि अगले कुछ हफ्तों में यहां फिर आतंकी हमले हो सकते हैं। वहीं 39 फीसद की इसे लेकर मिलीजुली राय है।
एक ओर जहां कुछ अमेरिकी मानते हैं कि देश में बहुत जल्द ऐसे हमले दोबारा हो सकते हैं वहीं 40 फीसद अमेरिकी मानते हैं कि वह या उनके परिवार का कोई सदस्य इसका शिकार हो सकता है। हालांकि 2011 में हुए सर्वे में यह आंकड़ा 36 प्रतिशत ही था। सर्वे के अनुसार लोगों में आतंकी हमले की आशंका तो है, लेकिन 70 फीसद अमेरिकी मानते हैं कि उनकी सरकार उन्हें आतंकी हमलों का शिकार नहीं होने देगी। जबकि 2011 में यह आंकड़ा 75 प्रतिशत था और 2006 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान 73 प्रतिशत।