वाशिंगटन। भारत और अमेरिका भले ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाने जाते हों, लेकिन ये दोनों देश पहले दस पायदान पर आने में विफल रहे। इकोनॉमिस्ट मैगजीन ने भारत को दुनिया में 38वां और अमेरिका को 21वां स्थान दिया है। मैगजीन ने 165 देशों पर अपना प्रजातंत्र इंडेक्स मंगलवार को जारी किया, जिसमें भारत को इस इंडेक्स पर 7.52 नंबर मिले हैं।
दुनिया के टॉप-3 प्रजातंत्र में नॉर्वे 9.93 नंबर के साथ पहले, स्वीडन (9.73) दूसरे व आइसलैंड (9.65) तीसरे स्थान पर है। पत्रिका ने भारतीय चुनाव पद्धति, सभी वर्गो को उचित प्रतिनिधित्व और नागरिक स्वतंत्रता की प्रशंसा की है।
अमेरिका को इस सूची में 8.11 नंबर के साथ 21वां स्थान मिला है। पत्रिका ने पांचवीं बार यह इंडेक्स प्रकाशित किया है। पांचवें संस्करण में अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापार को प्रमुखता दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-एशिया में प्रजातांत्रिक विकास विविधता से भरा हुआ है। उत्तर कोरिया, लाओस, वियतनाम और चीन में भले ही प्रजातंत्र न दिखाई देता हो, लेकिन पूरे क्षेत्र में प्रजातांत्रिक प्रणाली मजबूत होती जा रही हैं। पिछले दशक के दौरान 20 एशियाई देशों में चुनाव हुए।
कई देशों में शांतिपूर्ण तरीके से सरकार बदली गई। भारत में कई समस्याओं के बावजूद प्रजातंत्र मजबूत हो रहा है।
अमेरिका व ब्रिटेन में प्रजातंत्र विभिन्न कारणों से प्रभावित हो रहा है। अमेरिका में राजनीतिक परिदृश्य का ध्रुवीकरण चुनौती बना हुआ है। अरब जगत में चली प्रजातंत्र की हवा ने आशा पैदा की है। हालांकि, इन देशों में प्रजातांत्रिक व्यवस्था अनिश्चितता के दौर में हैं।