काइरो। मिस्र में शुक्रवार को फिर हिंसा भड़क उठी। राष्ट्रपति पद से हटाए गए मुहम्मद मुर्सी के समर्थकों और सुरक्षा बलों के हुई हिंसक झड़पों में 60 लोग मारे गए। सेना समर्थित सरकार की चेतावनी को धता बताते हुए शुक्रवार को लाखों लोग ‘आक्रोश दिवस’ मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए। बीते दो दिनों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में छह सौ से ज्यादा लोगों की जान गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने मुस्लिम ब्रदरहुड और सेना से संयम बरतने की अपील की है।
राजधानी काइरो के अलावा इस्मालिया, अलेक्जेंड्रिया और दमीता से भी हिंसा की खबरें आ रही हैं। काइरो और गीजा के आसपास बड़ी संख्या में सैनिक और बख्तरबंद वाहन तैनात किए गए हैं। सरकारी मीडिया के मुताबिक सेना ने तहरीर चौक समेत महत्वपूर्ण संस्थानों को घेर रखा है। तहरीर चौक के सभी प्रवेश द्वारों को सैन्य वाहनों और लोहे के तारों से बंद कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों को उत्तारी शहर तंता पहुंचने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने गोलियां दागीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पेट्रोल बम फेंके।
मुस्लिम ब्रदरहुड ने अपनी आक्रोश रैली में ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुटने की अपील की थी। सुरक्षा बलों ने भी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने में कोई रियायत नहीं दिखाई। सेना समर्थित अंतरिम प्रधानमंत्री हाजेम अल बेबलावी ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बचाव किया है। मुस्लिम ब्रदरहुड ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘यह संघर्ष अवैध शासन को उखाड़ फेंकने के लिए है।’