चैनल वालों ने हमको आपको आसाराम के तरह-तरह के नृत्य दिखाकर उनकी करतूतें बयान की पर अब हम आपको एक बाबा के साथ एक संपादक का नृत्य दिखाते हैं. ये बाबा हैं आचार्य प्रमोद कृष्णन. कभी कांग्रेस के नेता रहे. बाद में बाबा बन गए. संभल में इनका लंबा-चौड़ा आश्रम है. पिछले दिनों इन्होंने कल्कि महोत्सव का आयोजन किया. इसमें ढेर सारे पत्रकारों, संपादकों को बुलाया. पता नहीं और कौन-कौन गया लेकिन अमर उजाला, मुरादाबाद के संपादक नीरजकांत राही जरूर वहां पहुंचे. ये जो तस्वीर है, जिसे किसी साथी ने भड़ास4मीडिया को मेल किया है, इसमें जो सबसे स्वस्थ शख्स दिख रहे हैं वो हैं अमर उजाला, मुरादाबाद के एडिटर नीरजकांत राही. तस्वीर में बाबा प्रमोद कृष्णन भी दिखाई दे रहे हैं. बताया जाता है कि तरह-तरह के गानों पर खूब नृत्य हुआ और संपादक-बाबा भी खूब नाचे. यह आयोजन संभल के गांव एचौड़ा में हुआ. इस नृत्य से ये तो जाहिर हो रहा है कि बाबा के साथ संपादक का खूब याराना लगता है… नाचना बुरी बात नहीं है. बस थोड़ा आगे का देख सोच कर चलना चाहिए कि कल अगर कोई विवाद खड़ा हुआ तो फिर बाबा के साथ संपादक के नाच की तस्वीरें सभी लोग देखेंगे. ऐसे में नीरजकांत राही क्या सफाई देंगे. खैर, आज के दौर में कौन इतना लंबा सोचता है. दुनिया शार्टकट और फटाफट के रास्ते मंजिल पर पहुंचने के लिए मारामारी कर रही है तो संपादक क्यों पीछे रहें.
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