मर्यादा पुरुषोत्तम राम की ऐसी मर्यादा?

ramअपनी महान हिंदू संस्कृति की महत्ता का गुणगान करते हम थकते नहीं, मगर हकीकत के धरातल पर उसके लिए हमारी कितनी प्रतिबद्धता है, ये कभी हमने सोचा हैï? हम ये तो कहने से नहीं चूकते कि मुसलमान अपने धर्म के प्रति कट्टर होते हैं, जिसे कि हम नकारात्मक भाव देखते हैं, मगर हम अपने धर्म के प्रति कितने सच्चे हैं, इसका कोई ख्याल ही नहीं रखते। हमें इस बात से तकलीफ होती है कि कट्टरवादी मुसलमान हमारे मंदिर में माथा नहीं टेकता, जबकि उदार हिंदू दरगाहों में हाजिरी देता है। मगर इस पर कभी गौर नहीं करते कि कोई भी मुसलमान खुदा या पैगंबरे इस्लाम मोहम्मद साहब के बारे में कोई निम्नस्तरीय बात करना तो दूर, उसे सुनने से भी तौबा करता है। इसके विपरीत हम अपने आदर्शों के प्रति किसी भी प्रकार की अभिव्यक्ति करते हुए नहीं शर्माते। एक ओर हम अपने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को अपनी संस्कृति का आधार स्तम्भ मानते हैं, मगर दूसरी ओर उनकी मर्यादा को अपनी ओर कायम रखने का तनिक भी ख्याल न रखते हुए क्या-क्या करते हैं, इसका उदाहरण यह एक एसएमएस, जो कि हाल ही वाट्स एप पर देखा गया-

राम ने सीता को मारवाड़ी  में  SMS किया :-

प्यारी सीतुडी,
कॅाईं हाल है,
मैं अठे मस्त हूँ और तू भी चोखी होसी,
लक्ष्मणयों थाने घनो याद करें है,
तू टेनसन मती ले,
मैं थान्ने जल्दी ही रावन के अठे सु ले जाऊला,
मैंने BSNL की सिम लियो हूँ और रावन को नम्बर फ्री करा लियो हैं,
रावन को तो मैं घनी सुनाई,
वो ओ बोल फोन काट दियो कि बैटरी लो हो गिइ हैं,
मैं थाने चाइनिज फोन, दो सिम आलो, 30 दिन बैटरी बेकअप, 2 GB मेमोरी में गाना भर हनुमानये के साथ भेज रियो हूँ,
अब आपा रात में बाता करसया,
लक्ष्मणयों टोपअप लेवन गयो है,
विभिसन ने में। फेसबुक पर जोड  लियो हूँ,
लंका में काई हो रियो है, वो सब अपडेट कर देवे,
चल बाद में। बात करसया,
बाई लव यू,

थारों रामूडो……

Daulat Khemaniदेखा, कितनी घटिया हरकत है, मगर हम इसे रोकने की कोशिश करने अथवा ऐसे लोगों को लानत भेजने की बजाय ऐसे चटपटे एसएमएस पढ़ कर मजे लेते हैं और फॉरवर्ड कर देते हैं। ऐसे में गर्व से कहो हम हिंदू हैं का नारा बेमानी हो जाता है। यदि हम अपने प्रेरणा पुरुषों की महानता के साथ ऐसे भद्दे मजाक करते हैं तो हम अपनी संस्कृति पर केवल गर्व करते हैं तो वह बेकार है। शर्म-शर्म-शर्म।
-दौलत खेमानी

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