Dilip C Mandal : रामलीला मैदान में इतने तामझाम के साथ शपथ ग्रहण के खर्च का RTI से ब्यौरा लेना चाहिए. मैदान का किराया, पुलिस का बंदोबस्त, सरकारी अमला, टैंट, साउंड, पानी, जेनरेटर, डीजल, बिजली..और भी बहुत कुछ. इतने पैसे से कितने सार्वजनिक शौचालय बन सकते हैं? सरकारी अस्पतालों में कितने बेड का बंदोबस्त हो सकता है? शपथ ग्रहण की औपचारिकता तो कही भी पूरी की जा सकती थी. जनता का हर पैसा कीमती है. जनहित में खर्च होना चाहिए.
Daya Sagar : प्रसिद्ध चिंतक हेगेल ने कहा था ‘जो कुछ यथार्थ है वह तर्कसंगत है और जो कुछ तर्कसंगत है वह यथार्थ है।’ मार्क्स, ऐंगेल्स से लेकर हिटलर तक ने हेगेल के इस क्रान्तिकारी विचार को अपनी तरह से इस्तेमाल किया। इसी तर्क का इस्तेमाल अब केजरीवाल साहब कर रहे हैँ। ऐसे माहौल में जबकि कुछ मित्र आप की सरकार में सादगी का कहानियां खोज रहे हैं। सिंहासन खाली करो कि जनता आती है के तर्ज पर शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान पर शपथग्रहण का भव्य समारोह होने जा रहा है। कार्यक्रम सरकारी है इसलिए लाखों रुपए का खर्च जनता की जेब से होगा। ऐसी नौटंकियां यूपी में खासतौर पर मायावती और अन्य राजनीतिक दल करते आए हैं। क्या आप भी दूसरी परम्परागत राजनीतिक पार्टियों की राह पर चलेगी? अल्पमत में ही सही दिल्ली में आप की सरकार बनने जा रही है। यह एक यथार्थ है तो क्या इसीलिए यह भव्य शपथग्रहण समारोह भी तर्कसंगत है?
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल और दयाशंकर शुक्ल सागर के फेसबुक वॉल से.
http://www.bhadas4media.com
अपने फेसबुक पेज पर दिनांक 12 दिसंबर 2013 को लिखा था – “अभी हाल ही में पाँच राज्यों में चुनाव हुए हैं और अधिकतर राज्यों में मुख्यमंत्री शपथ समारोह बड़े स्तर पर मनाए जाने संबन्धी समाचार मिल रहे हैं. जयपुर में मुख्यमंत्री शपथ मैंने समारोह के लिए एक लाख लोगों के सम्मिलित होने के लिए व्यवस्था की जां रही है. बड़े स्तर पर आयोजन किया जा रहा है. शपथ लेना संवैधानिक प्रक्रिया है और इसे इस प्रकार क्रियान्वित किया जाना चाहिए ताकि जनता के पैसों की अनावश्यक बर्बादी ना हो. अब समय आ गया है और जन-नेताओं को सोचना होगा कि पूरे देश में शपथ लेने की प्रक्रिया किस प्रकार की हो. इसके लिए देश की संसद को स्पष्ट नियम इस सम्बन्ध में विधेयक पारित कर बनाने चाहिए. ”
मैंने अपने फेसबुक पेज पर दिनांक 23 दिसंबर 2013 को लिखा – “एक समाचार के अनुसार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के लिए शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में होगा. यह आयोजन बड़े स्तर पर आयोजित होगा, जो निश्चित तौर से जनता के पैसे की बरबादी होगा. शपथ लेना संवैधानिक प्रक्रिया है और इसे इस प्रकार क्रियान्वित किया जाना चाहिए जिसमें जनता के पैसों की अनावश्यक बरबादी ना हो. अब समय आ गया है और जन-नेताओं को सोचना होगा कि पूरे देश में शपथ लेने की प्रक्रिया एक तरह की होनी चाहिए, जिसे एक सादे समारोह में कार्यान्वित किया जाए. इसके लिए देश की संसद को स्पष्ट नियम विधेयक पारित कर बनाने चाहिए. इस विषय पर आप क्या सोचते हैं? धन्यवाद.”
https://www.facebook.com/krsinghal
मैंने अपने फेसबुक पेज पर दिनांक 12 दिसंबर 2013 को लिखा था – “अभी हाल ही में पाँच राज्यों में चुनाव हुए हैं और अधिकतर राज्यों में मुख्यमंत्री शपथ समारोह बड़े स्तर पर मनाए जाने संबन्धी समाचार मिल रहे हैं. जयपुर में मुख्यमंत्री शपथ समारोह के लिए एक लाख लोगों के सम्मिलित होने के लिए व्यवस्था की जां रही है. बड़े स्तर पर आयोजन किया जा रहा है. शपथ लेना संवैधानिक प्रक्रिया है और इसे इस प्रकार क्रियान्वित किया जाना चाहिए ताकि जनता के पैसों की अनावश्यक बर्बादी ना हो. अब समय आ गया है और जन-नेताओं को सोचना होगा कि पूरे देश में शपथ लेने की प्रक्रिया किस प्रकार की हो. इसके लिए देश की संसद को स्पष्ट नियम इस सम्बन्ध में विधेयक पारित कर बनाने चाहिए. ”
मैंने अपने फेसबुक पेज पर दिनांक 23 दिसंबर 2013 को लिखा – “एक समाचार के अनुसार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के लिए शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में होगा. यह आयोजन बड़े स्तर पर आयोजित होगा, जो निश्चित तौर से जनता के पैसे की बरबादी होगा. शपथ लेना संवैधानिक प्रक्रिया है और इसे इस प्रकार क्रियान्वित किया जाना चाहिए जिसमें जनता के पैसों की अनावश्यक बरबादी ना हो. अब समय आ गया है और जन-नेताओं को सोचना होगा कि पूरे देश में शपथ लेने की प्रक्रिया एक तरह की होनी चाहिए, जिसे एक सादे समारोह में कार्यान्वित किया जाए. इसके लिए देश की संसद को स्पष्ट नियम विधेयक पारित कर बनाने चाहिए. इस विषय पर आप क्या सोचते हैं? धन्यवाद.”
https://www.facebook.com/krsinghal