पर्रिकर को पीएम एन वेटिंग बनाये जाने पर गंभीरता से विचार

manohar_parikkarआम आदमी पार्टी द्वारा बीजेपी को दिये गये चैलेन्ज को लेकर बीजेपी के आला नेताओं की एक आपात बैठक हुई जिसमें आम आदमी पार्टी द्वारा पर्रिकर को पीएम एन वेटिंग बनाये जाने पर गंभीरता से विचार विमर्श किया गया। हालांकि यह बैठक बहुत गुप्त रूप से आयोजित की गई थी लेकिन बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने अपनी आदत के अनुसार लोल रिपोर्टर खबर लीक करते हुए बता ही दिया कि आम पार्टी के इस चुनौती को बीजेपी बाकी हर चुनौती की तरह गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर उक्त नेता ने लोल रिपोर्टर को उन सारे कारणों से अवगत भी करवाया कि आखिर गोवा के मुख्यमंत्री को गुजरात के मुख्यमंत्री का दर्जा क्यों नहीं दिया जा सकता?

लोल रिपोर्टर से बात करते हुए नेताजी ने बताया कि हमने आम पार्टी के इस सुझाव पर गंभीरता से विचार विमर्श किया। आम पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह हमें सुझाव दिया था कि हमें विजय गोयल की बजाय हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाना चाहिए? हमने बनाया!क्या हुआ? हम जीतकर भी हार गये। वरिष्ठ नेता का कहना था कि दूध की जली बिल्ली मट्ठा भी फूंक फूंककर पीती है। फिर यहां तो मामला बिल्ली का नहीं, सीधे शेर का है। हम पानी भी फूंक फूंककर पीयेंगे और अब दूसरी बार आम पार्टी के सुझाव पर कोई डिसीजन नहीं लेंगे।

नेताजी ने बताया कि हमारे विचार परिवार ने बहुत पहले यह तय कर लिया था कि पार्टी के भीतर सबसे बड़ा ओहदा उसी को दिया जाएगा जो भीतरी जंग में लौह पुरुष पर लाठी भांज देगा। नेताजी ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि पर्रिक्कर को भी आडवाणी को परास्त करने का एक मौका मिला था। लेकिन वे क्या कर पाये? उस वक्त गड़करी की बजाय बीजेपी पर्रिक्कर को ही अध्यक्ष बनाना चाहती थी। उन्होंने अपनी पात्रता साबित करने के लिए आडवाणी को चुनौती भी दे दी थी लेकिन इस चुनौती के बाद अखाड़े में वे ज्यादा देर टिक नहीं पाये। तो जो नेता अपनी ही पार्टी के जंग लगे लौहपुरुष को जमींदोज नहीं कर पाया और खुद धराशाई हो गया वह केजरीवाल को क्या धूल चटाएगा?

नेताजी का कहना था कि पर्रिक्कर के साथ कई डिस्क्वालिफेशन है जिसके कारण उन्हें पीएम इन वेटिंग का दर्जा नहीं दिया जा सकता। सबसे बड़ी डिस्क्वालिफिकेशन तो यही है कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, गुजरात के नहीं। पीएम इन वेटिंग होने के लिए बीजेपी में गुजरात कनेक्शन होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि, देखिए आडवाणी जी सिर्फ अपने गुजरात कनेक्शन के कारण ही पीएम इन वेटिंग बन पाये थे। आडवाणी जी ने जगह खाली की तो मोदी जी आ गये। यह पूछे जाने पर कि गुजरात पर बीजेपी का इतना जोर क्यों है? तो नेताजी ने कहा कि, वह इसलिए कि कांग्रेस ने गुजरात के साथ बहुत धोखा किया है। आजादी के बाद सरदार पटेल को सिर्फ इसलिए प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया क्योंकि वे गुजरात से थे। यह कांग्रेस हमेशा से गुजरात से नफरत करती रही है। मोदी तो सिर्फ बहाना है। असल बात तो यह है कि कांग्रेस को गुजरात से ही नफरत है। इसलिए बीजेपी ने कांग्रेस को डिफीट करने के लिए अपना गुजरात कनेक्शन पक्का कर लिया है।

एक और अहम कारण बताते हुए नेताजी ने साफ कहा कि अरविन्द केजरीवाल खुद वैगन आर में चलते हैं जबकि पर्रिकर तो स्कूटर पर आते जाते हैं। इस लिहाज से भी केजरीवाल के खिलाफ पर्रिकर की दावेदारी कमजोर हो जाती है और बीजेपी केजरीवाल के खिलाफ कमजोर उम्मीदवार उतारकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती।

(किसी वास्तविक घटना से जुड़ी हुई काल्पनिक रिपोर्ट जिनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।) http://visfot.com

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