गलत नियमन के दोषियों का क्या होगा?

नगर सुधार न्यास ने भगवान गंज स्थित 2421 वर्ग गज जमीन का नियमन करने पर विधायक श्रीमती अनिता भदेल की शिकायत के बाद जांच में गलत नियमन होने पर उसे निरस्त तो कर दिया है, मगर सवाल ये है कि नियमन करने के मामले में दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों का क्या होगा और उन्हें कौन दंडित करेगा? या फिर वे इतना बड़ा अपराध करने के बाद भी पाक साफ बने रहेंगे?
ज्ञातव्य है कि जयपुर के रामनगर, सोडाला निवासी मीरा छतवानी ने भगवान गंज स्थित खसरा संख्या 5237 की 2421 वर्ग जमीन का नियमन करने के लिए आवेदन किया था। यूआईटी ने 18 जुलाई को आवेदन मंजूर कर नियमन आदेश जारी कर दिए। यहां तक कि नियमन राशि जमा कर पट्टा भी जारी कर दिया गया और सब रजिस्ट्रार के यहां से रजिस्टर्ड हो गया। इस पर विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने इस नियमन में भारी अनियमितता बताते हुए यूआईटी पर भू माफियाओं को उपकृत करने का आरोप लगाया। इस पर यूआईटी सदर नरेन शहाणी भगत ने जांच के आदेश दिए। जांच के बाद पाया गया कि नियमन गलत हुआ है। इस पर उसे निरस्त कर दिया गया है। मगर शहर में कानाफूसी है कि इतनी बड़ी लापरवाही अथवा बदमाशी पर क्या केवल नियमन ही रद्द होगा, उसे करने वाले पटवारी, तहसीलदार, विशेषाधिकारी का क्या होगा? जानकारों का मानना है कि इस मामले में इन सभी को निलंबित किया जाना चाहिए और खुद न्यास सचिव श्रीमती पुष्पा सत्यानी को चार्जशीट दी जानी चाहिए।

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