पिछले लोकसभा चुनावोँ एवँ निकाय चुनाव एंव विधानसभाओं के चुनावों में काँग्रेस विरोध की एक हवा चलाई गई और जो आँधी का रूप लेते हुए चली भी , यह सत्य है। हाँ यह हवा सत्य कुशल बाजीगरों द्वारा फैलाये गए मायाजाल की परिणीति थी , शायद सम्पूर्ण देश में काँग्रेस की अकल्पनीय पराजय का यही कारण भी बना। लेकिन मेरी नजरोँ में काँग्रेस शासित राज्य जिसमे श्री अशोक गहलोत ने अपने अथक प्रयासों से अपने राज्योँ की उन्नति एवँ आम गरीब जनता के हितार्थ अनेक योजनाओं को मुफ्त दवा योजना पेशन योजना ओर भी बहुत सारी जनकल्याण कारी योजनाओ को जमीनी स्तर पर उतार कर प्रदेश को उन्नति एवं खुशहाली की ओर अग्रसर करने का ईमानदार प्रयास किया था किन्तु काँग्रेस विरोधी हवा की चपेट में आयी इन राज्योँ की जनता ने भी अपने मुख्यमंत्री द्वारा किये गए अच्छे कामोँ को विस्मृत करते हुए चुनावोँ में उन्हें भी पराजय का अन्याय पूर्ण दण्ड दे डाला।
अगर आज राजस्थान राज्य के विकास को बगैर किसी चश्मे के देखा जाए तो काँग्रेस और गहलोत की तारीफ़ किये बगैर कोई ईमानदार व्यक्ति नहीं रह सकेगा। उन्हें पराजित करने का दुःख मना रही होगा राज्सथान में भाजपाई सरकार बन गई थी ईससे पहले वसुंधरा ने स्वराज के नाम पर वोट जीस तरह से मागे थे ओर जनता ने दिये भी पर राजस्थान मे इसी तरह से आगे भी यही हाल लगातार रहा तो बेहाल होते रहना पड़ता है और रही बात वसुंधरा के वादो की तो उसने भी अपने 14 महीने के कार्यकाल में जिस तरह की अपरिपक्वता का प्रदर्शन किया उससे संभवतः सम्पूर्ण प्रदेश का उससे मोह भंग ही हुआ होगा।
अब राजस्थान में फिर पंचायती राज के चुनाव होने जा रहे है और यह देखना दिलचस्प होगा की राजस्थान की जनता अपनी पूर्व की गलतियोँ को दोहराते हुए और अपने पैर में कुल्हाड़ी मारते हुए उद्द्योगपतियों वसुंधरा की उनके मंत्रीयो की विधायको की गोद में खेलने वाली और गरीब विरोधी नीतियोँ की समर्थक भाजपा द्वारा फैलाये गये अफीमी मायाजाल में पुनः फँसते हुए भाजपा को वोट देती है या फिर कांग्रेस को गांवो की सरकार सौपने का निर्णय लेती है की अपरिपक्व पार्टी के तौर पर आजमाई हुई ”भाजपा ‘ के पक्ष में खड़ी होती है या फिर सालो की ” सर्वजन हिताए सर्वजन सुखाये ” नीतियोँ को बनाते हुए राजस्थान को सर्वसुविधा युक्त उन्नत राज्य बनाने वाली काँग्रेस पार्टी को विजयश्री दिला कर अपने विवादरहित सुखद भविष्य की गारण्टी पक्की करती है !!! फेसला राज्य की जनता के हाथ मे है
भविष्य निर्धारण में मील का पत्थर जरूर बनेगा , ये मुझ जैसे विवादहीन उन्नत राष्ट्र की कल्पना करने वाले आम इंसान का विश्वास है
भारत मे ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के बिना भारत का विकास कतई संभव नहीं है, चाहे केंद्र सरकार कितनी भी बड़ी बातें करें । सरकारों के तमाम दावों के बावजूद हमारे गांव विकास तो दूर, वे बहुत कुछ जरूरी सुविधाओं तक से भी महरूम हैं. बड़ी बड़ी योजनाएं बना रही मोदी सरकार निकम्मी साबित हो रहीं, है धन खर्च हो रहा है तो भाजपा के नेताओ के घर मे , पर स्थिति में संतोषजनक बदलाव नहीं हुआ ।
ओर हो भी रहा है तो भाजपा के घर मे
राजस्थान में विकास के संदर्भ में बहुत सी बुनियादी शर्तें जुड़ी हुई हैं। यहाँ गैर-बराबरी और असमानता की खाई बहुत चौड़ी है , राजस्थान में वास्तविक विकास कार्य उसी को कहा जा सकता है जिसमें अंतिम व्यक्ति का हित सर्वोपरि हो। आज जो पुरे देश में हो रहा है वो इसके बिलकुल गलत है l केंद्र सरकार द्वारा जो नीतियां बनाई जा रही हैं,प्रतीकात्मक योजनायें चलाई जा रही है उनमें किसान एवं मजदुर का गला घोंट कर गरीब की बजाए पूंजीपतियों एवं प्रभावशाली लोगों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। सरकार की नीतियों का वास्तविक क्रियान्वयन शून्य है । अब समय आ गया है, युवाओं को गांवो मे सरकार बदलने का ताकी मशाल जलानी होगी और झूठ का प्रचार करने वालों को अपनी ताकत का एहसास कराना होगा । हम सबों ने मिलकर एक नया राजस्थान का गांव बनाना है ।
ईसका लिए मेर सभी भाईयो से गुजारीस है की
वक्त है बदलाव का ओर जो भाजपाईयो ने अच्छे दिनो का जो वादा किया था उनको जवाब देने का
ईसलिए मेरा निवादन रहैगा की पंचायती राज चुनाव घमंड मे चुर भाजपा को जवाब देना है
वोट कांग्रेस को देना है
काँग्रेस साईबर टीम
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