नागौर। पंचायत चुनाव में जीत का सपना पाले कांग्रेस को निकाय चुनाव की तरह बड़ा झटका लग सकता है। इसकी वजह जो बताई जा रही है वह है पंचायत चुनाव में टिकट वितरण में पारदर्शिता की कमी। सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस की ओर से टिकट वितरण के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने बिना राय शुमारी के ही बंद लिफाफे बड़े नेताओें को सौंप दिए। पर्यवेक्षकों की लापरवाही की इंतहा मारवाड़ के जाट बहुल और कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले नागौर में देखने को मिली। यहां पर्यवेक्षकों ने बंद लिफाफे बड़े नेताओं को सौंप दिए। बताया जा रहा है बंद लिफाफों में ऐसे-ऐसे लोगों के नाम शामिल किए गए जिनका कांग्रेस से दूर-दूर तक कोई लेना-देना भी नहीं हैं। वहीं इन बड़े नेताओं के मुहं लगे लोगों ने बिना जनाधार वाले लोगों को सिंबल आवंटित कर दिए। हैरत की बात तो यह है कि इन बड़े नेताओं को अपने लोगों की ओर से किए गए इस कृत्य की भनक तक नहीं लगी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के स्थानीय बड़े नेताओं और पर्यवेक्षकों के इस व्यवहार से कांग्रेस का कार्यकर्ता पूरी तरह हताश और निराश है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है इसका खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।