चीनी फेंगशुई का सच

feng shui pair of elephants Wellness With Sameerफेंगशुई भारत पर सुनियोजित तरीके से किया गया चीन का सांस्कृतिक हमला है।
* लॉफिंग बुद्धा कोई देवता नहीं, जिससे घर में समृद्धि आती है, बल्कि वह साम्यवादी देश का एक राजा था।
भारतीय वास्तु शास्त्र पूर्णत: वैज्ञानिक है। इसके माध्यम से हमारी शक्तियों को सकारात्मक ऊर्जा में तब्दील किया जा सकता है।
* चीन अपने उत्पादों को भारत में बेच रहा है और इसके लिए उसने फेंगशुई को हथियार बनाया है।
फेंगशुई के माध्यम से लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
* इन प्रतीकों में कोई सकारात्मक ऊर्जा नहीं होती। हां, इतना अवश्य है कि इनके जरिए चीन करीब 20 हजार करोड़ रुपए का सालाना कारोबार कर रहा है।
* बच्चों के कमरों में कभी भी ड्रैगन नहीं लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और बच्चों के मन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
* फेंगशुई का कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं है।
लॉफिंग बुद्धा की बजाय हमारे ही देवी-देवताओं को घरों में स्थापित करना चाहिए क्योंकि इनमें अधिक सामर्थ्य है और इनसे हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
भारतीय ज्योतिष सृष्टि के उदय से प्रलय काल तक की सभी घटनाओं का आधार स्तंभ है।
ज्योतिष तथा समय का विवरण अंक शास्त्र के अनुसार प्राप्त होता है, जिसका आकलन विशुद्ध गणितीय विज्ञान के जरिए किया जाता है, जबकि वास्तु परिवेश की ऊर्जा को घटाने और बढ़ाने का विज्ञान है।
इन दोनों के उचित समन्वय के द्वारा मानव और मानवता का कल्याण होता है
जिस तरह सूर्य की जीवनदायिनी किरणें घर में प्रवेश के साथ नए जीवन का संचार करती हैं, ठीक उसी तरह वास्तु भी सकारात्मक ऊर्जा को एकत्रित करने की कला है, जो कि पूर्णत: वैज्ञानिक है।
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