जयपुर में मेट्रो को हरी झंडी भले ही मौजूदा मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने दिखाई हो, मगर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कांग्रेस के कार्यकर्ता का इसका श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देते दिखाई दिए। उनका तर्क था कि इसका पूरा काम गहलोत के कार्यकाल में ही हुआ, वसुंधरा ने तो मात्र हरी झंडी दिखाई है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रियाओं की एक बानगी देखिए:-राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार के अथक प्रयास एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दूरगामी सोच के कारण जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुवात हुई। प्रोजेक्ट इतनी जल्दी चला की मात्र 2-3 साल में ही सितम्बर 2013 में मेट्रो के ट्रेल रन को हरी झंडी भी दिखा दी गयी थी। लकिन विधानसभा चुनाव के कारन आचार सहित लगने से मेट्रो को जयपुर की जनता को समर्पित नहीं किया जा सका।
वसुंधरा राजे ने मुख्यामंत्री बनते ही जनहित की योजना को “Non- feasible” तक कह डाला । विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट की अध्यक्षता में जमकर राजस्थान की बीजेपी सरकार पे दबाव बनाया और मजबूरन बीजेपी को जयपुर की जनता को ट्रैफिक से निजात दिलाने वाली परियोजना जयपुर मेट्रो को 1.5 साल की देरी से ही सही आज जनता के लिए खोलना ही पड़ा ।
आभास भटनागर
जो पोपाबाई आज तक कह रही थी कि पिछले कांग्रेस कार्यकाल में कुछ भी काम नहीं हुआ
वो जब आज मेट्रो का उद्घाटन करेगी, तो शायद उनकी अंतरात्मा उन सवालों का जवाब दे देगी।
जयपुर के लोगों के लिए 3/ 6/ 2015 का दिन बहुत बड़ा दिन है। जयपुर मेट्रो को आम लोगों के लिए खोला जा रहा है। क्यों की जो मेट्रो का काम राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने महज 3 साल में पूरा किया था। और वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी ने सिर्फ मेट्रो को हरी झंडी दिखाने व आम पब्लिक के लिए चलाने के लिए ही लगभग 2 साल का समय ले लिया
इससे आप यह निष्कर्ष निकाल सकते हो कि
किसके राज मे राजस्थान का विकास अधिक हुआ है।