आगरा से जयपुर को दौड़ रही तेज मर्सिडीज के सामने मारुति आल्टो की क्या बिसात? टक्कर में गाड़ी पिचक गई, भीतर बैठे परिवार में चार साल की बच्ची की मौत हो गई, बाकी घायल हुए। मर्सिडीज में चूँकि भाजपा सांसद हेमा मालिनी सवार थीं, बगैर बेल्ट बैठने की वजह से उनका सर आगे की सीट से टकराया और आँख के पास चोट लगी (बाद में चार टांके आए)। उनसे सहानुभूति है।
लेकिन इस हादसे में दौसा के भाजपा विधायक शंकर लाल शर्मा का आचरण हैरान करने वाला लगा। अपने क्षेत्र की बच्ची की लाश और आल्टो में सवार अन्य घायलों को वहीं छोड़कर वे हेमा मालिनी को इलाज के लिए जयपुर के फोर्टिस अस्पताल ले रवाना हुए। बुरी तरह घायल आल्टो के स्थानीय निवासियों को पहले दौसा का अस्पताल नसीब हुआ, फिर जाकर जयपुर का सरकारी अस्पताल।
क्या यह वीआइपी मानसिकता का एक और उदहारण नहीं है? विधायक के लिए क्या मुश्किल था आल्टो में घायलों के लिए एक और गाड़ी का बंदोबस्त करना और उन्हें भी साथ ही साथ वही चिकित्सा मुहैया करवाना?
जो विधायक चुनावो पर जनता के सुख-दुख मे साथ देने का वादा करते है जो दुख की घड़ी मे कैसे चमचागीरी करते हुए नजर आते है आपके सामने है , आज पूरा मीडिया जगत हेमा मालिनी के हल्के घावो को तो ब्रेकिंग के रूप मे दिखा रहा है पर एक बाप की 4 साल की मासूम बेटी चल बसी और एक चोटी मासूम अस्पताल मे मौत और ज़िंदगी से झुझ रही है उसको नहीं दिखा रहा है । पैसों और पावर के सामने कैसे इंसानियत और मानवता मर जाती है ये आप इस हादसे से देख सकते है ।
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