भाजपा को नहीं मुस्लिम वोटों की दरकार

bjp logoऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा को मुस्लिम वोटों की दरकार नहीं रही। उसे पता लग गया है कि भले ही कुछ मुस्लिम भाजपा से जुड़े हुए हैं, बाकायदा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ तक संचालित किया जाता है, मगर मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देते। कदाचित इसी कारण इस बार ऐन निगम चुनाव से पहले आई ईद के मौके पर भाजपा के बड़े नेता चांद बावड़ी स्थित ईदगाह पर नमाज के दौरान आए ही नहीं। शायद इसी उम्मीद में कि जब अखबारों में ये खबर शाया होगी तो बहुसंख्यक हिंदुओं के वोटों का फायदा होगा।
वैसे अमूमन भाजपा नेता ईद के मौके पर जरूर मौजूद रहते हैं, मगर इस बार उनकी गैरहाजिरी चौंकाने वाली रही। आमतौर पर पूर्व सांसद प्रो. रासासिंह रावत, विधायक वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, शहर भाजपा अध्यक्ष अरविन्द यादव, नगर निगम के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, उपसभापति सोमरत्न आर्य आदि होते ही हैं, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। मजह भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के इब्राहिम फकर ही दिखाई दिए। समझा जा सकता है कि ये अनुपस्थिति यूं ही नहीं रही होगी। ज्ञातव्य है कि अजमेर में कम से कम पांच वार्ड ऐसे हैं, जो कि मुस्लिम बहुल हैं और वहां से भाजपा जीत नहीं पाती। जिन अन्य इलाकों में मुस्लिम हैं, वे भी भाजपा को वोट नहीं देते। ऐसे में उनको रिझाने की औपचारिक रस्म अदा करने से क्या फायदा?
उधर कांग्रेसियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। शहर अध्यक्ष महेंद्र सिंह रलावता, पूर्व विधायक नसीम अख्तर, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, मेयर कमल बाकोलिया, प्रताप यादव, कुलदीप कपूर, शैलेन्द्र अग्रवाल, सबा खान, नोरत गुर्जर, सर्वेश पारीक, शक्ति सिंह रलावता, चंद्रभान खंजन, विजय नागौरा, इंसाफ अली, राजनारायण आसोपा, नील शर्मा, कमल गंगवाल, संदीप रिचर्ड उपस्थित थे।
-तेजवानी गिरधर
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