कहीं आप के साथ इसा तो नही हुआ ?

पुलिस ने दबोचा अकाउंट हैक करने वाला गैंग
alok guptaनई दिल्ली। के मुताबिक आपके बैंक खातों पर कोई नजर रख रहा है। गुड़गांव पुलिस ने दुनिया भर के 70 करोड़ लोगों की बैंक खातों से लेकर हर तरह की जानकारी रखने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। गुड़गांव पुलिस ने इस गैंग के सरगना सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक ये गैंग देशभर की पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था। पुलिस को शक है कि करोड़ों लोगों का डाटा चोरी कर धोखाधड़ी करने वाले इस गैंग के साथ बैंककर्मियों की मिलीभगत भी है।
गुडगांव पुलिस की सायबर क्राइम टीम के हत्थे चढ़ा ये गैंग कोई ऐसा-वैसा गैंग नहीं। इस गैंग के पास एक दो नहीं बल्कि दुनियाभर के 70 करोड़ लोगो के बैंक खातो से लेकर उनकी सैलरी, उनके इंवेस्टमेंट सहित छोटी से छोटी जानकारी मौजूद है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि 70 करोड़ लोगों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए इस गैंग को महज एक हजार रुपये खर्च करने पड़े।
पुलिस के मुताबिक ये गिरोह डेटा बेस के जरिए हजारों लोगो की गाढ़ी कमाई का पैसा उड़ा चुका हैं। इनके काम करने का तरीका कॉरपोरेट की तर्ज पर था और एक आईटी एक्सपर्ट ने इस पूरे जालासाजी का ताना बाना बुना है। पुलिस के मुताबिक गैंग का सरगना आशीष गुप्ता आईटी एक्सपर्ट है।
इसके पास से बरामद किए गए डेटा में ग्राहक का नाम, पता मोबाईल नम्बर, ई मेल आई डी, अल्टेरनेट नम्बर, खाता नंबर, तनख्वाह की डिटेलस, इंश्योरेंस पॉलिसी नम्बर और पॉलिसी की किस्त तक का विवरण है।
इस विवरण के आधार पर गैंग के सदस्य किसी बैंक या इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर शिकार को फोन किया करते थे। और ग्राहक के खाते में पैसा जमा कराने का झांसा देकर उससे डेबिट कार्ड की सारी जानकारी ले लेते थे। जिसके बाद फोन सुनने वाला का पैसा ऑनलाईन गायब हो जाता था। यही नहीं ये गैंग इस डेटा बेस को दूसरे लोगों को भी महज पांच से दस हजार रूपए में बेच देता था। डेटा बेस बेचकर भी गिरोह लाखों रुपए कमा चुका है। यानी जाल में फंसने वाले शिकार को दोहरी मार पड़ती थी।
पुलिस के मुताबिक इनके काम करने का तरीका बेहद शातिराना था और डेटा बेस का ये सारा गोरखधंधा वर्चुअल स्पेश पर खेला जाता था।
यानी शिकार को कभी ये पता ही नहीं चल पाता था कि उन्हें ठगने वाला कौन है। यही वजह है कि लगातार शिकायत आने के बाद भी इन्हें गिरफ्तार करने के लिए गुडगांव पुलिस की सायबर क्राइम टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इन आरोपियों के पास से 33 सिम कार्ड ,10 मोबाईल फोन, 2 डेटा कार्ड, 10 ATM कार्ड, 4 पैन कार्ड, 10 पहचान से जुड़े फर्जी दस्तावेज, धोखे से खरीदी गई कार और 2 मोटरसाइकिल सहित करीब 70 करोड़ लोगों से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं। गुडगांव पुलिस ने ICICI बैंक इंश्योरेंस के 45 हजार, PNB मेट लाइफ के 12 हज़ार, HDFC बैंक के 20 हज़ार और बिड़ला सन लाइफ बैंक के एक लाख ग्राहकों के डेटा बेस बरामद किए हैं। पुलिस को शक है कि डेटा बेस के इस खेल में कई बड़ी कंपनियों के लोग भी शामिल हो सकते हैं।
नोट:- साथियो विशेष ध्यान दें मानव अधिकार प्रोटेक्शन आप सबसे अपील करता है कि कृपया
सायबर कैफे में या पब्लिक कम्प्यूटर को इस्तेमाल करने से पहले सीपीयू में पीछे चैक करलें की कोई किलोग्गर या यूसबी कनेक्टर न लगा हो अन्यथा आपका सारा डेटा उसमे सेव हो जायेगा और आपको पता तक नही चलेगा।

आलोक गुप्ता

मानव अधिकार प्रोटेक्शन
प्रदेश प्रभारी
हरियाणा।

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