अनिल पाराशरहालाकि अधिकारिक पुष्टि तो नही हुई लेकिन आज दिनभर सोशिल मिडिया में चल रही एस प़ी विकास कुमार के तबादले की खबर से अजमेर ही नही अपूर्ण पूरा अजमेर जिले के लोगो में निराशा छा गई की एक ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ जुझारू जितनी तारीफ के शब्द बोलो कम पड जाते ऐसे अधिकारी का इतने कम समय में अचानक ही तबादला कर दिया जायेगा पर यह तो साथियों होना ही था क्योंकि हमारे अजमेर जिले के तीनो मंत्रियो की दुकाने जो बंद हो गई तथा इन इनकी आँखों के किरकिरी जो बन रखे थे। ऐसे इमानदार पुलिस अधिकारी न तो आज तक अजमेर को मिला और नही मिलेगा जो अपनी रातो की नींद ख़राब करके रात भर अकेले ही निडर और बेखोफ होके कही भी किसी भी वक़्त किसी भी थाने में पहुंच जाते थे साथियों मेने खुद ने कुछ दिनों पूर्व रात को डेढ़ बजे इनको पुष्कर में अकेले अपनी निजी गाड़ी में गश्त करके देखा न तो इनको अखबारों में छाने का शोक था नही अपने नाम का बस इनको शोक था बस अपराधो को खत्म करना यह अपने मिशन तक पहुचने वाले ही थे की राज्य सरकार ने मंत्रियो के दबाव में आके किसी न किसी बहाने इनका तबादला कर दिया।आपको याद होगा की इनकी अजमेर आने की खबर पर इनका तब्दला भी रुकवाने का काफी प्रयास किया था लेकिन इन्होने किसी को भनक नही लगते हुए कार्यभार ग्रहण कर लिया था। हम सबको गर्व हे ऐसे ईमानदार पुलिस अधिकारी पर हम इन्हें स्लुट करते हे। अनिल पाराशर संपादक बदलता पुष्कर