पटाखो कि दुकान से दूर हाथों मे, कुछ सिक्के गिनते मैने उसे देखा…
एक गरीब बच्चे की आखों मे,मैने दिवाली को मरते देखा.
थी चाह उसे भी नए कपडे पहनने की…
पर उन्ही पुराने कपडो को मैने, उसे साफ करते देखा.
हम करते है सदा अपने ग़मो का दिखावा…
मैंने उसे चुपचाप ग़मो को पीते देखा.
जब मैने कहा, “बच्चे, क्या चहिये तुम्हे”?
तो उसे चुपचाप मुस्कुरा कर “ना” मे सिर हिलाते देखा.
थी वह उम्र बहुत छोटी अभी…
पर उसके अंदर मैने खुद्दारी को पलते देखा
रात को सारे शहर की जगमगाती रौशनी मे…
मैने उसके हंसते, मगर बेबस चेहरे को देखा
हम तो जिन्दा है अभी शान से यहा.
पर उसे जीते जी शान से मरते देखा.
लोग कहते है, त्योहार होते है जि़दगी में खुशियों के लिए,
तो क्यो मैने उसे मन ही मन मे घुटते और तरसते देखा ??
थोडी सी खुशी किसी गरीब बच्चे को दे के देखो
आपको खुशी मिलेगी..!!!
तो मित्रों क्यों न इस बार किसी गरीब की दीवाली से अँधेरा दूर करके उसमें रोशनी भर दी जाए ।।
आप भी अपने गली या कॉलोनी, गाँव या शहर में किसी एक गरीब लड़के या परिवार के लिए कपड़े, मिठाई, पटाखे, सजावट का सामान व अन्य उपयोगी वस्तु देकर उसकी ख़ुशी में अपनी ख़ुशी की झलक देख सकते हैं ।।
अगर आप भी इस मुहिम में जुड़ना चाहते तो comment करके बताएं ।।
किसी को भी खुश करने का मौका मिले तो छोड़ना मत ऐ दोस्त…..
बड़े नसीब वाले होते हैं वो
जो किसी के चेहरे पर मुस्कराहट दे पाते हैं ।।
Help Poor in This Diwali
karke dekho… Accha lagta hai…
If interested in above post you can give any thing related deewali
MOHIT SHARMA
8233745264
Aise bahut se badnaseeb log h jo khushiyo k liye taraste rah jate h, Beshak hame unki madad karni chahiye.