जिस ब्रिटिश साम्राज्य का सूरज कभी नहीं डूबता था, उसके सरकारी आर्मी म्यूज़ियम ने एक लिस्ट बनाई है, उन विरोधी सेनापतियों की, जो ब्रिटिश साम्राज्य के लिए सबसे बडा ख़तरा बने। इस लिस्ट में टीपू सुल्तान शामिल हैं। इस लिस्ट में नेपोलियन और जॉर्ज वाशिंगटन भी हैं। भारत से सिर्फ दो नाम हैं। दूसरा नाम झाँसी की रानी का है।
संघी लोग हनुमान चालीसा के अलावा कुछ पढ़ते नहीं है, वरना मैं उन्हें ब्रिटिश आर्मी म्यूज़ियम का यह लिंक पढने को कहता।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि जब टीपू अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में जुटा था, तब पेशवा, तंजौर के राजा और त्रावणकोर नरेश ब्रिटिश के साथ संधि कर चुके थे। टीपू इन राजाओं के खिलाफ भी लड़ा। अब इसका क्या किया जा सकता है कि ये राजा हिंदू थे। टीपू हैदराबाद के निज़ाम के खिलाफ भी लड़ा जो मुसलमान था। स्कूल की किताबों में तीसरा मैसूर युद्ध देखिए। इसमें टीपू के खिलाफ अंग्रेजों, पेशवा और निज़ाम की संयुक्त फ़ौज लड़ी थी।
यह हिंदू बनाम मुसलमान का मामला ही नहीं है। शर्म की बात है कि संघियों की बेवक़ूफ़ियों की वजह से वह शानदार विरासत आज विवादों में है ।।
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