बूचड़खाने चलाने वाले कौन ?
यूँ तो मैं भी मोदीभक्त और मोदी जी के चाहने वाले करोडो लोगो में से ही एक हूँ,पर उनका गौरक्षकों को गुंडे करार देने वाला बयान कुछ समझ नही आया ! आज तक मोदी जी का हर बयान दिल को छु लेने वाला रहा,ख़ुशी भी हुई की देश का प्रधानसेवक आम आदमी के मन की बात करता है, पर मोदी जी का गौरक्षकों पर दिया गया हालिया बयान दिल को तोड़ने वाला है ! आज मोदी जी के अंदाज़ में ही मै आप सभी से पूछना चाहता हूँ, मित्रो ! गौरक्षको के लिए धंधेबाज, गुंडे शब्दों का इस्तेमाल करना क्या सही कदम है ? बूचड़खानों पर चुप्पी सही है ? बूचड़खाने चलाने वाले क्या धर्मात्मा है ? गौ हत्या करवाने वाले क्या सज्जन पुरुष है ? मित्रो ! गौ माता के लिए लड़ना अगर गुण्डागर्दी है तो हमे ये पसंद है बस इतना ध्यान रहे ! बूचड़खाने चलाकर गायो की हत्या करने वाले ही गुंडे है और मोदी जी आप भी ये भलीभाँति जानते हो ऐसे गुंडों से गुण्डागर्दी से ही काम लिया जा सकता है यदि ऐसा नही होता, तो फिर आपने क्यों गोधरा में दंगाईयो से निपटने में दबंगई दिखाई ? वँहा भी सज्जन बनकर काम लेते तो शायद आज दुनियां मोदी को शेर नही मानती ! आज जब गौरक्षक गौ माता की रक्षा के लिए लड़ते है तो गुंडे हो गए वाह ! ऐसे बयान की उम्मीद आप जैसे देशभक्त से कतई नही थी ! गौ माता को काटकर अपना पेट भरने वाले बूचड़खानों के संचालक क्या आपको धंधेबाज नही लगते ? अगर इस तरह का बयान केवल वोटो की राजनीती से प्रेरित होकर दिया है तो फिर आप जैसे देशभक्त नेता और दूसरे नेताओं में क्या अंतर है ! कहते है कभी-कभी गलती इंसानो से ही होती है और आपका ये बयान शायद उसी में आता है, इसी बात को ध्यान में रखकर हम आज भी आप पर ही विश्वास करते है और आशा भी की भविष्य में आप वोट लेने के लिए इस तरह के बयान देकर अपने समर्थको को नाराज़ नही करेंगे ! *अखिलेश पाराशर*
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